अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने कथित जासूसी प्रकरण की जांच के लिए एक जांच आयोग के गठन के लिए औपचारिक तौर पर आज अधिसूचना जारी कर दी. जांच आयोग से कहा गया है कि वह इस बात का पता लगाए कि क्या चार साल बाद टेपों को जारी करने के पीछे कोई साजिश है.गुजरात पुलिस द्वारा एक महिला की कथित तौर पर जासूसी को लेकर निशाने पर आई नरेंद्र मोदी सरकार ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय आयोग का गठन किया था.
उसकी अधिसूचना आज जारी की गई.आयोग की अध्यक्षता गुजरात उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुगनाबेन के भट्ट करेंगी. सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य सचिव के सी कपूर जांच आयोग के सदस्य होंगे. समिति से तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
आयोग को जांच के लिए छह विचारणीय विषय दिए गए हैं और उससे रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. अधिसूचना के अनुसार विचारणीय विषय में कहा गया है, ‘‘चार साल के लंबे अंतराल के बाद ऑडियो टेप जारी करने की परिस्थितियों में क्या कोई साजिश है.’’भाजपा ने आरोप लगाया है कि साल 2014 के चुनावों से पहले पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने के पीछे ऑडियो टेप जारी करने में साजिश है. उसने इसके पीछे सीबीआई और कांग्रेस का हाथ होने का इशारा किया था.