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चीन पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सुरक्षा सहयोग पर होगी बातचीत

नयी दिल्ली (बीजिंग) : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह चीन की छह दिवसीय यात्रा पर आज रात बीजिंग पहुंचे. अपनी यात्रा के दौरान वह सुरक्षा सहयोग को बढावा देने तथा पूर्वोत्तर के आतंकियों को तस्करी के जरिए पहुंचाए जाने वाले हथियारों के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. पिछले एक दशक में किसी भारतीय गृहमंत्री की यह पहली […]

नयी दिल्ली (बीजिंग) : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह चीन की छह दिवसीय यात्रा पर आज रात बीजिंग पहुंचे. अपनी यात्रा के दौरान वह सुरक्षा सहयोग को बढावा देने तथा पूर्वोत्तर के आतंकियों को तस्करी के जरिए पहुंचाए जाने वाले हथियारों के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. पिछले एक दशक में किसी भारतीय गृहमंत्री की यह पहली चीन यात्रा है.

सिंह की यह छह दिवसीय यात्रा दोनों देशों के बीच रिश्तों में आ रहे सतत सुधार की पृष्ठभूमि में हो रही है जिससे कि लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद से निपटने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है. सिंह ने चीन के लिए रवाना होने से पहले यहां एक बयान में कहा, ‘‘मैं अपनी चीन यात्रा को लेकर उत्सुक हूं. उम्मीद करता हूं कि इससे आपसी समझ और विश्वास को गहरा करने में मदद मिलेगी.

मेरी चीन यात्रा के दौरान मेरा इरादा एक दूसरे से सीखने और बेहतर समझ विकसित करने की परंपरा को अधिक मजबूत करने का है.” अपनी यात्रा के दौरान सिंह प्रधानमंत्री ली क्विंग से मुलाकात करेंगे और स्टेट काउन्सिलर और सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के मंत्री गुओ शेंगकुन से बीजिंग में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करेंगे. वह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी मुलाकात कर सकते हैं. सिंह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय राजनैतिक एवं कानूनी मामलों के आयोग के सचिव मेंग जियानझू से मुलाकात करेंगे और विशेष हथियार एवं रणनीति (स्वाट) इकाई का दौरा करने के अलावा स्थानीय थाने का शुक्रवार को दौरा करेंगे.

आतंकवाद से जुडे मुद्दों के अलावा सिंह की वार्ताएं दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को एक निश्चित रुप दे सकती हैं. इस सुरक्षा सहयोग में पूर्वोत्तर राज्यों में मौजूद आतंकी समूहों को हथियारों की आपूर्ति पर लगाम लगाने की दिशा में चीन द्वारा अधिक प्रभावी कार्रवाई शामिल है.

गृह मंत्री की यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में धीरे-धीरे सुधार और सीमा विवाद का समाधान करने के लिए तंत्रों को सुचारु बनाए जाने के बीच हो रही है. इससे पहले चीन की यात्रा पर जाने वाले गृहमंत्री शिवराज पाटिल थे, जो वर्ष 2005 में चीन गए थे.

अपनी यात्रा के दौरान सिंह तीन दिन बीजिंग में और फिर अगले तीन दिन शंघाई में बिताएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस साल मई में हुई चीन यात्रा के बाद, सिंह भारत के दूसरे सबसे बडे नेता हैं, जो वहां जा रहे हैं. सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच आमना-सामना होने की स्थितियों से जुडे मुद्दों को जहां ‘वर्किंग मेकैनिज्म फॉर कन्सल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन ‘ के जरिए देखा जा रहा है, वहीं सिंह की यात्रा विभिन्न मोर्चों पर सुरक्षा सहयोग को मजबूती दे सकती है.

चीन ने शिनजियांग में अलकायदा से जुडे ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के आतंकियों पर कार्रवाई के लिए बडी संख्या में सुरक्षा बलों को लगाया हुआ है. इन आतंकियों का प्रमुख आधार पाकिस्तान के कबीलाई इलाकों में है. भारत भी नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद के सतत खतरे का सामना कर रहा है.

सिंह की यात्रा को दोनों पक्षों की ओर से राजनीतिक विश्वास बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को मजबूत करने के अवसर के रुप में देखा जा रहा है. इन प्रयासों की शुरुआत पिछले साल राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा और फिर मोदी की चीन यात्रा के दौरान हुई थी. सिंह की यात्रा से पहले चीन के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने हाल ही में भारत की यात्रा की थी, जो कि अपने आप में दुर्लभ थी.

चीन के सेंट्रल मिलिटरी कमीशन के उपाध्यक्ष जनरल फान चांगलोंग पिछले सप्ताह भारत और पाकिस्तान की यात्रा पर पहुंचे थे. यह एक दशक में हुई ऐसी पहली यात्रा थी, जिसमें चीन के उच्चतम स्तर के सैन्य अधिकारी ने दोनों देशों का दौरा किया.

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