नयी दिल्ली: राजधानी में पिछले साल 16 दिसंबर को हुये बहुचर्चित सामूहिक बलात्कार कांड की सुनवाई में बचाव पक्ष के वकीलों के हाजिर नहीं होने पर नाखुशी जाहिर करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि वे अदालत से भाग रहे हैं. अदालत ने चेतावनी दी कि यदि वे सोमवार को बहस के लिए पेश नहीं हुए तो वह अपनी सहायता के लिए वकील नियुक्त करेगी.
अदालत ने कहा, ‘‘ऐसा जान पड़ता है कि जानबूझकर अपील की सुनवाई को बाधित करने की कोशिश की गयी है. ’’ अदालत ने सभी आरोपियों के लिए पेशी वारंट भी जारी किया और जेल प्रशासन को सोमवार को अगली सुनवाई के दिन उन्हें पेश करने का निर्देश दिया.उच्च न्यायालय चार अभियुक्तों-मुकेश, पवन कुमार गुप्ता, विनय एवं अक्षय को सुनाए गए मृत्युदंड के निर्णय की पुष्टि के लिए निचली अदालत द्वारा भेजे गए मामले पर रोजाना आधार पर अंतिम दलीलें सुन रहा है.
न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल और न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की खंडपीठ ने कहा, ‘‘यह बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. हमें बहुत दुख है. हम बस यही कह सकते हैं. आप अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर रहे हैं. अब हमारे दिमाग में सवाल उठ रहे हैं कि उद्देश्य क्या है. बचाव पक्ष के वकील अदालत से भाग रहे हैं. उससे उद्देश्य की पूर्ति नहीं हेागी।’’ पीठ ने मुकेश के वकील एम एल शर्मा के आचरण पर कड़ा ऐतराज जताया जो अदालत को सूचित किये बगैर ही दिल्ली से बाहर चले गए.