मुंबई : मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी तथा दो अन्य की न्यायिक हिरासत की अवधि आज 20 नवंबर तक बढ़ा दी. उनकी एक सप्ताह की न्यायिक हिरासत की अवधि आज समाप्त समाप्त हो गयी.
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शीना बोरा मर्डर केस : इंद्राणी की न्यायिक हिरासत 20 नवंबर तक बढ़ायी गयी
मुंबई : मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी तथा दो अन्य की न्यायिक हिरासत की अवधि आज 20 नवंबर तक बढ़ा दी. उनकी एक सप्ताह की न्यायिक हिरासत की अवधि आज समाप्त समाप्त हो गयी. न्यायाधीश आर वी अदोने ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मुखर्जी, उनके पूर्व पति […]
न्यायाधीश आर वी अदोने ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मुखर्जी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्याम राय की न्यायिक हिरासत 20 नवंबर तक बढ़ायी जाती है.” अदालत ने सीबीआई को इंद्राणी तथा खन्ना से 17 नवंबर तक पूछताछ करने की अनुमति भी दे दी.
पूर्व में अदालत ने सभी तीनों आरोपियों से जेल में सात नवंबर यानी आज तक पूछताछ करने की अनुमति दी थी.
सरकारी वकील कविता पाटिल ने एक आवेदन दाखिल कर अदालत को बताया कि कुछ दस्तावेजों के बारे में पूछताछ करने की जरुरत है और (इंद्राणी की) आवाज के नमूने लिए जाने हैं.
इंद्राणी ने तीन नवंबर को अपनी आवाज के नमूने की जांच कराने की सहमति दे दी थी.पूर्व में सीबीआई ने एक आवेदन न्यायाधीश के समक्ष दाखिल कर यह कहते हुए इंद्राणी की आवाज के नमूने मांगे थे कि उसे कुछ कॉल रिकॉर्डिंग मिली हैं जिनमें कथित तौर पर उनकी आवाज है और इसकी जांच कराने की जरुरत है.
31 अक्तूबर को तीनों को सात नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.इंद्राणी, खन्ना और राय को 24 वर्षीय शीना की अप्रैल 2012 में हत्या कर उसके शव को मुंबई से 84 किमी दूर रायगढ़ के जंगल में ठिकाने लगाने के आरोप में अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. शीना का एक कार में कथित तौर पर गला घोंट कर उसके शव को जला दिया गया था और फिर उसे वन में ठिकाने लगाया गया था. हाल ही में इंद्राणी की प्लेटलेट्स में तेजी से कमी आ गई थी जिसकी वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जेजे अस्पताल के डॉक्टरों ने हालांकि बाद में स्पष्ट किया कि इंद्राणी को डेंगू नहीं है जैसी की आशंका जतायी जा रही थी.
पूर्व में दो अक्तूबर को इंद्राणी को भायखला महिला जेल से बेहोश हालत में जेजे अस्पताल ले जाया गया जिससे यह अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि उसने अवसाद रोधी दवाओं की अत्यधिक खुराक का सेवन कर लिया है. लेकिन महानिरीक्षक (कारागार) की जांच से दवा की अत्यधिक खुराक लेने, विष का सेवन करने या आत्महत्या का प्रयास करने की संभावना खारिज हो गयी थी.
43 वर्षीय इंद्राणी को छह अक्तूबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी और वापस जेल भेज दिया गया था.
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