नयी दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग से राहुल गांधी की शिकायत की है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत और तनाव फलाने वाला भाषण दिया है. कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने साम्प्रदायिक भावनाओं के आधार पर वोट की मांग की है जिससे चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन किया है. भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और कांग्रेस पार्टी की मान्यता भी रद्द होनी चाहिए.
भाजपा के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘पार्टी ने उनके (राहुल गांधी) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग उचित कार्रवाई करेगा.’ मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत को सौंपे अपने ज्ञापन में पार्टी ने राहुल की राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि में हुई चुनावी सभाओं के उनके भाषणों को उद्धृत किया है.ऐसी ही एक रैली में राहुल ने कहा था कि दंगा प्रभावित उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के मुस्लिम युवाओं को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चारा डाल रही है. इस बयान को लेकर मुस्लिम संगठनों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
भाजपा के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख सत्यपाल जैन ने कहा, ‘पार्टी ने मांग की है कि कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर रोक लगा दी जाए और उसकी मान्यता समाप्त कर दी जाए.’ आयोग को सौंपे पत्र में कहा गया है कि राहुल ने राजस्थान की चुरू और खेरली चुनावी सभाओं में ‘भाजपा के खिलाफ झूठे और आधारहीन आरोप लगाए और ऐसा करके अपनी पार्टी (कांग्रेस) को अधिकतम वोट दिलाने के प्रयास में विभिन्न समुदायों की साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काया है.’
आयोग को दिए ज्ञापन में भाजपा ने कहा है, चूंकि राहुल ने अपनी टिप्पणियों को वापस नहीं लिया है इसलिए उनके ‘ये भड़काउ भाषण आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन हैं और तदनुसार उनके विरूद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए.’ इसमें आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लेख किया गया जिनमें कहा गया है कि वोट पाने के लिए जाति अथवा समुदाय की भावनाओं के आधार पर अपील नहीं की जानी चाहिए. ‘लेकिन कांग्रेस तथा उसके नेताओं ने बार बार इस आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया है.’ ज्ञापन में सलमान खुर्शीद, बेनी प्रसाद वर्मा और शंकर सिंह वाघेला पर भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए हैं.राहुल और कांग्रेस के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के लिए आयोग गए भाजपा नेताओं में नकवी के अलावा प्रकाश जावडेकर, निर्मला सीतारमण और पिंकी आनंद के साथ कई बड़े नेता शामिल थे.