बीजिंग : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज आगाह किया कि सीमा पर तनाव और दोनों देशों से गुजरने वाली नदियों के मुद्दे पर मतभेद भारत और चीन के बीच बेहतर रिश्तों की राह में रोड़े अटका सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों को टकराव की बजाय सहयोग से परिभाषित भविष्य के लिए कोशिश करनी चाहिए. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल पार्टी स्कूल में भविष्य के नेताओं को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे के हितों और संप्रभुता के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए तथा सीमा संबंधी मसलों को सुलझाने के लिए जल्द कदम उठाने चाहिए.
वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ रोकने की खातिर दोनों देशों के बीच हुए समझौते के एक दिन बाद सिंह ने कहा कि दोनों तरफ चिंताएं हैं. सिंह ने आगे कहा, ‘‘चाहे सीमा क्षेत्र में घटनाएं हों या दोनों देशों से गुजरने वाली नदियों का मुद्दा या फिर व्यापार असंतुलन का मुद्दा.’’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे हालिया तजुबरें ने दिखाया है कि ये मुद्दे भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग के मौकों के पूरे दोहन की राह में बाधा बन सकते हैं.’’ उन्होंने कहा कि दोनों देश ‘‘प्रतिद्वंदिता के लिए नहीं बने’’ हैं और उन्हें ‘‘साझेदार बनने के प्रति समर्पण दिखाना चाहिए’’.