नयी दिल्ली : नवनियुक्त कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा कि उनकी कोशिश होगी कि कानूनी प्रक्रियाएं आर्थिक विकास में मददगार हों और न्यायाधीशों की नियुक्ति पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हो. सिब्बल ने व्यापक उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि कानूनी प्रक्रियाएं और नियम आर्थिक विकास के लिए बाधक नहीं बनने चाहिए बल्कि ये इसकी गति बढाने वाले होने चाहिए. उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रियाओं का सरलीकरण और पारदर्शिता इस उददेश्य की पूर्ति के लिए आवश्यक हैं.
कानून मंत्रालय का आज सुबह अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले सिब्बल ने कहा कि उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए होनी चाहिए जो सुनिश्चित करे कि असंदिग्ध सत्यनिष्ठा और उच्च सामर्थ वाले लोग ही नियुक्त हों. आर्थिक विकास की गति तेज करने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का जिक्र करते हुए बाद में सूत्रों ने बताया कि यह लक्ष्य केवल कानूनों से ही नहीं बल्कि नियमों और अधीनस्थ कानूनों को सरल बनाकर हासिल किया जा सकता है ताकि बाधाएं कम हो सकें.इस मौके पर सिब्बल ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को आड़े हाथों लिया. सिब्लल ने कहा कि वह जल्द ही मोदी के बारे में बड़ा खुलासा करेंगे. उन्होंने कहा कि इस खुलासे से मोदी और भाजपा के दोहरे मापदंड सबके सामने आ जाएंगे. हालांकि सिब्बल ने यह नहीं बताया कि खुलासा किस संबंध में होगा.सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों से इस संबंध में वार्ता शुरु की जाएगी. पारदर्शी तरीके से न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में सूत्रों ने कहा कि संस्थागत वार्ता के जरिए मौजूदा व्यवस्था को बदलने के लिए अल्पकालिक तरीका अपनाया जा सकता है. संसद में लंबित न्यायिक सुधारों से जुडे कानून मंत्रालय के विभिन्न विधेयकों के बारे में सूत्रों ने कहा कि यदि विपक्ष सहमत होता है तो सरकार आगे कदम उठाएगी अन्यथा आम सहमति बनने तक सरकार इंतजार करेगी. न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मौजूदा कालेजियम प्रणाली को परिवर्तित करने का एक प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास लंबित है. सूत्रों ने कहा कि लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति अल्पकाल में संभव नहीं है. इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दीर्घकालिक आधार पर नीति अपनानी होगी.
सिब्बल द्वारा जल्द ही विस्तृत उद्देश्यों का रोडमैप तैयार करने की संभावना है, जिन्हें एक साल के भीतर हासिल किया जा सके. नई जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का धन्यवाद करते हुए सिब्बल ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में एक साल बाकी हैं, वह इस अल्पकाल में अपनी जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाने की पूरी कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि कानूनी शिक्षा में गुणवत्ता के लिहाज से काफी कुछ करने की आवश्यकता है ताकि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा सके. सिब्बल ने कहा कि कानून की प्रक्रिया त्वरित और भेदभावरहित होनी चाहिए. हमें अपनी न्यायिक प्रणाली में जनता का विश्वास मजबूत करने की आवश्यकता है. कानून का राज सभ्य समाज का आधार है. दोषी बिना दंड के न रहने पाये और निर्दोष का उत्पीडन न हो.