नयी दिल्ली : आनंद बाजार पत्रिका अखबार मे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने का इंटरव्यू छपा है जिसमें उन्होंने दादरी की घटना सहित कई विवादों पर खुलकर बात की है. उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा है कि दादरी की घटना या पाकिस्तानी गायक के विरोध की घटना दुखजनक है जिसकी केंद्र सरकार निंदा करती है. भाजपा भी इस तरह की घटना का विरोध करती है. बीजेपी ने हर समय छद्म धर्मनिरपेक्षता का विरोध किया है. पीएम ने कहा कि विपक्ष लगातार भाजपा पर सांप्रदायिकता का आरोप लगा रही है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. दादरी की घटना के बाद भाजपा नेताओं और कुछ अन्य पार्टी के नेताओं ने आग में घी डालने का काम किया. नरेंद्र मोदी की बात से लगता है कि वह इन बयानों से काफी आहत हैं. आइए जाने किसने क्या बयान दिया…
साक्षी महाराज
नोएडा के दादरी में हुयी घटना पर भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा था कि दादरी की घटना पर राजनीति की जा रही है जिसकी निंदा की जानी चाहिए. साक्षी महाराज ने कहा कि राज्य में बहुत से ऐसे लोग हैं जो हिंसा से प्रभावित हुए हैं लेकिन उन्हें अबतक मुआवजा नहीं दिया गया है. इससे अखिलेश सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ गया है. साक्षी महाराज ने कहा कि जैसे खुद की हमारी मां है, भारत हमारी मां है वैसे ही गौ भी हमारी माता है, गोहत्या रोकने के लिए हम मरने-मारने को तैयार हैं. उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गयी है. यह बात सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव भी मान चुके हैं.
संगीत सोम
साल 2013 में हुए मुज़फ्फरनगर दंगों के आरोपी भाजपा विधायक संगीत सोम भी मृतक अखलाक के परिवार से मिलने दादरी के बिसाहड़ा गांव पहुंचे थे. यहां उन्होंने अखिलेश यादव की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि इस हत्या की जांच एक तरफा की जा रही है. जिस दिन सोम वहां पहुंचे थे अखलाक का परिवार अखिलेश से मिलने लखनऊ गया था. सोम ने साथ ही कहा कि अखलाक का परिवार यहां नहीं है. उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें विमान में बिठा कर ले गई. पहले वह मुज़फ्फरनगर दंगों के आरोपियों को जहाज में बिठा कर ले गए थे.
योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मैंने खबर पढी है कि अखलाक पाकिस्तान गया था. मैं जानना चाहता हूं कि वह आखिर पाक क्यों गया था. दादरी कांड में कूदते हुए भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी कैबिनेट के मंत्री आजम खान ने जिस तरह इस मामले को लेकर यूएन गए हैं उसके बाद उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि मैंने पढ़ा कि अखलाख पाकिस्तान गया था और उसके बाद से उनकी गतिविधियां बदल गई थीं. क्या सरकार ने ये जानने की कभी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान क्यों गया था? आज उसे महिमामंडित किया जा रहा है.
साध्वी प्राची
अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने भी दादरी कांड को लेकर विवादित बयान दिया था. प्राची ने कहा था कि बीफ खाने वालों का यही हश्र होना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साध्वी प्राची ने कहा कि गाय हमारी आस्था से जुड़ी है, ऐसे में कोई गाय की हत्या नहीं कर सकता. साध्वी प्राची ने दादरी कांड को आपसी रंजिश का मामला करार दिया.
सुधींद्र कुलकर्णी मामला
भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर 12 अक्टूबर की सुबह कालिख पोत दी जिसकी चारो ओर आलोचना हो रही है. पूर्व बीजेपी नेता सुधींद्र कुलकर्णी पर काली स्याही पोते जाने का आरोप शिवसेना पर लगने के बाद शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने इस घटना को देश के शहीद सैनिकों से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि यह स्याही नहीं, देश के सैनिकों का खून है. हमारे सैनिक सीमा पर शहीद हो रहे हैं. यह देखकर इनका खून नहीं खैलता है. सीमा से सटे गांव को पाकिस्तान लगातार निशाना बना रहा है जिसमें भारत के निर्दोष नागरिक मारे जा रहे हैं.
सपा नेता आजम खान
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को पत्र लिखकर देश में ‘मुसलमानों के खिलाफ चलायी जा रही मुहिम’ को रोकने के लिये हस्तक्षेप की मांग कर चुके हैं. आजम खान ने दादरी मामले पर विवादित बयान देकर मामले को गर्म करने का आरोप है. आजम खान अपने बयान कह चुके हैं कि विरोधियों को बीफ बेचने वाले होटलों को बाबरी की तरह तोड़ देना चाहिए. वे कहा चुके हैं कि गंगा-जमुनी तहजीब वाले इस देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा अन्य फासीवादी ताकतें मुल्क के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करके इसे हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती हैं. केंद्र की मौजूदा सरकार ने इस ताने-बाने को बनाये रखने की शपथ तो ली थी लेकिन उसका झुकाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे उस कट्टरपंथी संगठन की तरफ है जो देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिये 40 अन्य सम्बद्ध संगठनों के जरिये काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि देश में फासीवादी ताकतें मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करने का अभियान चलाकर समाज में खाई तैयार करना चाहती हैं. हाल में दादरी में गोवध के आरोप में अखलाक नामक व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या किया जाना इस मंसूबे की ताजा मिसाल है.