भुवनेश्वर: ओड़िशा के गोपालपुर में आज शाम चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ की दस्तक के मद्देनजर थलसेना, वायुसेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान राज्य के प्रभावित इलाकों के लिए रवाना होने को कमर कस चुके हैं.
राहत और बचाव अभियानों के समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे जनरल ऑफिसर कमांडिंग (मध्य भारत) लेफ्टिनेंट जनरल रमेश राणा ने कहा, ‘‘कुछ टुकड़ियां पहले ही रवाना कर दी गयी हैं जबकि पूर्वी एवं मध्य कमान की अन्य टुकड़ियां कभी भी जाने के लिए तैयार हैं.’’सिग्नल और मेडिकल टीमों से लैस थलसेना की एक इंजीनियरिंग टुकड़ी गोपालपुर में तैनात है.
लेफ्टिनेंट जनरल राणा ने कहा कि थलसेना एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, थलसेना की कोशिशों को समन्वित रुप देगी और उनके साथ मिल कर काम भी करेगी. थलसेना लोगों की मेडिकल जरुरतें पूरी करने के अलावा राहत सामग्री भी मुहैया कराएगी. वह लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने में नागरिक प्रशासन की मदद भी करेगी.भारतीय वायुसेना का नवीनतम सामरिक परिवहन विमान ‘सी-17 ग्लोब मास्टर’ 60 सैनिकों, राहत सामग्री, थलसेना के विशेष वाहनों और एंबुलेंसों से लैस होकर इलाहाबाद से रवाना हुआ है. वायुसेना देश के अपने विभिन्न अड्डों से ‘आईएल-76’ और ‘एएन-32’ विमान के जरिए एनडीआरएफ के जवानों और बड़े पैमाने पर राहत उपकरणों को ले जा रही है.
ग्रुप कैप्टन बसंत बी पांडे ने कहा कि वायुसेना ने दो ‘सी-130जे सुपर हरक्यूलीज’ विमान राहत और बचाव अभियान के लिए रखे हैं. कैप्टन पांडे ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास बैरकपुर में ‘एमआई-17 वी5’ हेलीकॉप्टरों को तैयार रखा गया है. जरुरत पड़ने पर वे राहत और बचाव अभियानों में इस्तेमाल किए जाएंगे. नौसेना की एक बचाव टीम और डॉक्टरों का एक समूह भी मुस्तैद है.एनडीआरएफ के डीआईजी एस एस गुलेरिया ने कहा कि उच्च आवृति वाली संचार सुविधा से लैस 29 टीमें तटीय जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गयी हैं. इन टीमों के पास संचार के लिए नौ सैटेलाइट फोन हैं और इनसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने में नागरिक प्रशासन को मदद मिलेगी.