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उच्च न्यायालय ने दिए कालाकाजी मंदिर के आसपास से अवैध निर्माण हटाने के आदेश

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए दिल्ली नगर निगम(एमसीडी )को यहां कालकाजी मंदिर के आसपास बने सभी अवैध निर्माणों को हटाने के आदेश दिए हैं.अदालत ने नगर निकाय को मंदिर परिसर में खासकर दशहरा पर्व के दौरान साफ सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश […]

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए दिल्ली नगर निगम(एमसीडी )को यहां कालकाजी मंदिर के आसपास बने सभी अवैध निर्माणों को हटाने के आदेश दिए हैं.अदालत ने नगर निकाय को मंदिर परिसर में खासकर दशहरा पर्व के दौरान साफ सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं.

उच्च न्यायालय ने पुलिस को भी निर्देश दिया कि वह अदालत के निर्देशों के अनुपालन के लिए एमसीडी को हरसंभव मदद मुहैया कराए. मंदिर परिसर में अस्वास्थ्यकर स्थिति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मुख्य न्यायाधीश आरवी रमन और न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, ‘‘मंदिर परिसर स्वच्छ होना चाहिए. दुकानदारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि मंदिर का रास्ता मुक्त एवं स्वच्छ हो.’’

अदालत ने कहा, ‘‘आप हर किसी का चालान कीजिए. यदि जरुरत हो तो अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.’’ उसने एजेंसी को निर्देश दिया, ‘‘सुनवाई की अगली तारीख तक सभी अनधिकृत निर्माणों को हटा दीजिए.’’ पीठ ने एमसीडी के स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को भी दिर्नेश दिया कि वे मंदिर परिसर जाकर साफ सफाई सुनिश्चित करें.

अदालत अधिवक्ता पीयूष जोशी द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में उन्होंने जन सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को उठाया था और मंदिर में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए जाने का आग्रह किया था. याचिकाकर्ता ने कहा था कि किसी नियमन के अभाव की वजह से प्रबंधन कथित तौर पर कई अनियमितताओं में शामिल है.

इस पर अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल :एएसजी: राजीव मेहरा से धर्मादा कानून के तहत केंद्र से निर्देश लेने और मंदिर प्रबंधन के मुद्दे पर अदालत को सूचित करने को कहा. अदालत ने कहा, ‘‘सरकार कहां है ? प्रसाद वितरण से लेकर मंदिर की साफ सफाई तक का काम अदालत को करना पड़ेगा. वहां कोई कानून नहीं है.’’

याचिकाकर्ता ने कहा था कि मंदिर के भीतर और आसपास स्थिति ‘‘दयनीय’’ है क्योंकि वहां स्वच्छता एवं साफ सफाई, सुरक्षा और आधारभूत सुविधाओं आदि की कमी है. वहां कुप्रबंधन व्याप्त है और मंदिर परिसर के भीतर धर्मशालाओं पर अनधिकृत कब्जा है.

याचिका में यह भी कहा गया कि मंदिर परिसर के भीतर की स्थितियां स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं अग्नि सुरक्षा के किसी मानक पर खरी नहीं उतरती हैं.

इसमें कहा गया कि किसी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए मंदिर में कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं. याचिका में कहा गया, ‘‘मंदिर में साफ सफाई की खराब स्थिति बीमारियों की जनक है. उचित कचरा निपटान प्रणाली के अभाव में मंदिर परिसर अस्वास्थ्यकर हो गया है.’’

मंदिर परिसर में अनधिकृत निर्माणों का उल्लेख करते हुए याचिका में दिल्ली विकास प्राधिकरण :डीडीए: और एमसीडी को इसे रोकने तथा मंदिर परिसर के भीतर एवं आसपास से अवैध और अनधिकृत निर्माणों को ढहाए जाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया.

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