नयी दिल्ली : दिल्ली में 19 साल की लड़की की हत्या की पृष्ठभूमि में पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुलाकात के बाद दिल्ली पुलिस और आप सरकार ने अपने रख को और कठोर कर लिया और दोनों के बीच टकराव और बढ़ गया.
डेढ घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के बाद दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पुलिस मामले को हल्के में ले रही है. उन्होंने पुलिस के रख को आपत्तिजनक बताया और बस्सी पर केजरीवाल के अनेक सवालों में असहयोग का आरोप लगाया. बैठक में मौजूद रहे जैन ने कहा कि बस्सी ने सरकार को 500 ऐसे मामलों की सूची सौंपते हुए उनसे सभी मामलों में पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने को कहा जिस तरह हाल ही में एक किशोरी की हत्या के बाद उसके परिवार को दिया गया था. इस प्रस्ताव को केजरीवाल ने खारिज कर दिया.
जैन ने संवाददाताओं से कहा, केजरीवाल ने बस्सी से सूची उनके आका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहुंचाने को कहा. बस्सी ने जवाब दिया कि प्रधानमंत्री के पास पहले ही अन्य सारे काम हैं और दिल्ली पुलिस के लिए उनके पास वक्त नहीं है. जैन ने कहा कि दिल्ली पुलिस को संवेदनशील रहना चाहिए और बस्सी को मुख्यमंत्री के सवालों का जवाब देना चाहिए.
दिल्ली पुलिस पर हमला करते हुए जैन ने लड़की की हत्या के मामले में जांच को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस दिल्ली की आम जनता की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पुलिस से प्रश्न पूछने का अधिकार है. बस्सी ने जैन के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस अपराध की किसी भी घटना को चुनौती के तौर पर लेती है.
मामले में आरोपियों की रिमांड की मांग नहीं करने के दिल्ली पुलिस के फैसले पर जैन द्वारा सवाल खड़ा किये जाने पर पुलिस आयुक्त ने कहा, इस मामले में आरोपियों की रिमांड की जरुरत नहीं थी. यह अनुचित होता. मैंने बताने का प्रयास किया कि किन परिस्थितियों में रिमांड मांगी जाती है. उन्होंने कहा, हम कानून के शासन के प्रति जवाबदेह हैं. अगर पुलिस जनता के दबाव में आकर काम करेगी तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा. बस्सी ने कहा कि कानून से परे कुछ अपेक्षाएं पूरी नहीं हो सकतीं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस मजबूती के साथ स्वतंत्र है और उस पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है क्योंकि पुलिस के प्रशासनिक नियंत्रण के प्रभारी का कोई स्थानीय निहित स्वार्थ नहीं है. बस्सी ने कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की स्थानीय आकांक्षाएं होती हैं. इस लिहाज से उनके फैसलों में निहितार्थ होने की संभावना है जबकि केंद्रीय मंत्रियों का कोई स्थानीय निहित स्वार्थ नहीं होता जिससे हम आजादी से काम कर सकते हैं.
बैठक में दोनों पक्षों की ओर से रखे गये तर्कों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए बस्सी ने कहा कि केजरीवाल के साथ बातचीत सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक थी जहां उन्होंने समाज में पुलिस की भूमिका समेत अनेक मुद्दों पर उसके पक्ष को पेश करने की कोशिश की. केजरीवाल से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि आप सरकार के साथ हमारी बातचीत जो पहले बहुत अच्छी थी, और बेहतर होगी.