नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज स्पष्ट किया कि 1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान छह व्यक्तियों की हत्या के आरोप में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य आरोपियों की अभियोग निरस्त करने की याचिका लंबित होने के दौरान उनके खिलाफ मुकदमा चलता रहेगा.
न्यायमूर्ति ए के पटनायक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, ‘‘हम मुकदमे की कार्यवाही पर रोक नहीं लगा रहे हैं.’’ न्यायालय ने मामले की सुनवाई 28 अक्तूबर के लिये स्थगित कर दी. इससे पहले, न्यायालय में दलील दी गयी कि सज्जन कुमार और अन्य आरोपियों को अपील शीर्ष अदालत में लंबित होने के आधार पर निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध नहीं करना चाहिए.
न्यायालय दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सज्जन कुमार, ब्रह्मानंद गुप्ता और अन्य आरोपियों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. उच्च न्यायालय ने इन सभी के खिलाफ अभियोग निर्धारित करने की कार्यवाही निरस्त करने के लिये दायर याचिका खारिज करते हुये निचली अदालत के निर्णय को बरकरार रखा था. उच्च न्यायालय ने कहा था कि इन सभी के खिलाफ यदि अपराध करने की संभावना को पर्याप्त संदेह हो तो उनके निचली अदालत इस मामले में अभियोग निर्धारित कर सकती है.
लेकिन उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार और सह आरोपी वेद प्रकाश प्याल और ब्रह्मानंद गुप्ता के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का अतिरिक्त अभियोग निर्धारित करने से इंकार कर दिया था. न्यायालय ने अभियोग निर्धारण के खिलाफ प्यल और गुप्ता की याचिका भी खारिज कर दी थी.