मुंबई: अहमदनगर की एक जिला अदालत में दीवानी मामला दायर किया गया जिसमें राज्य के अधिकारियों और महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे को एक स्थानीय कंपनी द्वारा आदिवासी छात्रों को बेची जाने वाली ह्यचिक्कीह्ण पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है. यह मामला इस उत्पाद के मिट्टी और अन्य मिलावट के साथ कथित तौर पर दूषित होने की खबरों के बाद दायर किया गया है.
पुणे के रहने वाले कार्यकर्ता हेमंत पाटिल द्वारा जिला न्यायाधीश आर वी तमनकार की शिकायत में अहमदनगर के जिलाधिकारी, पंकजा मुंडे, सूर्यकांता महिला चिक्की केंद्र को मामले में प्रतिवादी बनाया गया है.
शिकायतकर्ता के वकील वाजिद खान ने कहा, मामला आज दायर किया गया और एक महीने बाद मामले की सुनवाई की तारीख निर्धारित की गई है. वकील ने अदालत से खराब गुणत्ता वाली चिक्की से कथित तौर पर प्रतिवादियों को नोटिस नहीं जारी करने और चिक्की पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.
हालांकि, अदालत ने पक्षकारों को सुने बिना कोई भी आदेश देने से इंकार कर दिया और याचिकाकर्ता से प्रतिवादियों को नोटिस देने को कहा. मामले की सुनवाई की अगली तारीख जुलाई के अंत में निर्धारित की गई है.
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राज्य के आदिवासियों के लिए चिक्की की खरीद का ऑर्डर देने के बाद बाजार में 11 लाख पैकेट चिक्की का वितरण किया गया है. इसमें से सात लाख पैकेट अब भी बाजार में है और उसे तत्काल वापस लिए जाने की आवश्यकता है क्योंकि जिलाधिकारी से इसके दूषित होने की रिपोर्ट मिली है.