प्रधानमंत्री के विशेष विमान से: भारत-तेहरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच सीधी बातचीत की संभावना से खुश है क्योंकि इस मुद्दे पर प्रगति उसके उर्जा भंडार के लिए शुभ संकेत होगा.
सूत्रों ने कहा कि भारत दो वर्ष से कह रहा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित मुद्दे को सुलझाने के लिए सीधी वार्ता होनी चाहिए.प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विशेष विमान पर मौजूद सूत्रों ने संवाददाताओं से कहा कि माना जाता है कि दोनों देशों के बीच पर्दे के पीछे बातचीत में प्रगति का समझौता हुआ है.
अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत में प्रगति भारत के लिए भी शुभ संकेत होगा क्योंकि भारत के लिए ईरान न केवल उर्जा का बड़ा स्नेत है बल्कि अफगानिस्तान तक पहुंच के लिए ट्रांजिट मार्ग भी है.अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हसन रोहानी द्वारा दिये गये राजनयिक प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख अपनाया और विदेश मंत्री जॉन कैरी को तेहरान के साथ उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर नये दौर की वार्ता करने का निर्देश दिया है.
ईरान के तेल निर्यात में कटौती को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रयास का नेतृत्व कर रहे अमेरिका का कहना है कि परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता में प्रगति के बगैर वह प्रतिबंध नहीं हटा सकता. अमेरिका को आशंका है कि इस परमाणु कार्यक्रम से परमाणु हथियारों का विकास हो सकता है लेकिन ईरान इस आरोप को खारिज करता है.