लखनऊ: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में महिलाओं तथा बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों पर चिंता जाहिर करते हुए आज कहा कि विश्वविद्यालयों तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं को नैतिक शिक्षा के जरिये इसका समाधान तलाशना चाहिये.
राष्ट्रपति ने यहां स्थित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में कहा कि समाज के नैतिक मूल्यों में जो क्षरण और पतन हो रहा है. इसे रोकने के लिये विश्वविद्यालयों तथा अन्य शिक्षण संस्थानों को आगे आना होगा और ऐसी शिक्षा देनी होगी जिससे मूल्यों में गिरावट को रोका जा सके.
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं तथा विश्वविद्यालयों में ही व्यक्ति की सोच आकार लेती है और उसमें अनुशासन, आत्मसंयम, आत्मनियंत्रण के गुण विकसित होते हैं. मुखर्जी ने कहा “हमारा देश और विश्व आर्थिक क्रांति की दहलीज पर है और शिक्षा तथा उसकी व्यवस्था में आर्थिक और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरुप बदलाव की जरुरत है.”राष्ट्रपति ने देश में उच्चस्तरीय शिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा “इस समय अनुमानत: करीब दो लाख भारतीय विद्यार्थी विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं. आवश्यकता इस बात की है कि हमारे देश में ही उच्चस्तरीय शिक्षण की व्यवस्था हो.”