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ईंधन बचाने के लिए सरकार बदलेगी सरकारी कार्यालयों का समय

नयी दिल्ली : कर्मचारियों को सप्ताह में कम से कम एक बार दफ्तर जाने के लिये केवल सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना होगा, सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने के लिये सरकारी कार्यालयों का समय अलग-अलग रखा जायेगा, इससे तेल आयात बिल में 5 अरब डालर की बचत होने का अनुमान है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस […]

नयी दिल्ली : कर्मचारियों को सप्ताह में कम से कम एक बार दफ्तर जाने के लिये केवल सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना होगा, सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने के लिये सरकारी कार्यालयों का समय अलग-अलग रखा जायेगा, इससे तेल आयात बिल में 5 अरब डालर की बचत होने का अनुमान है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली नेईंधनबचत कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये आज इसकी घोषणा की.

देश में बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थों के आयात का असर चालू खाते के घाटे पर पड़ रहा है. मोइली ने इसे ध्यान में रखते हुये छह सप्ताह तक चलने वाले देशव्यापी मेगा तेल बचत अभियान की आज शुरुआत करते हुये कहा कि 52 करोड़ रुपये के इस अभियान से तेल की मांग कम होगी और सालाना आयात बिल में 5 अरब डालर की कटौती होगी. देश में पिछले साल 144.29 अरब डालर का तेल आयात किया गया.

चालू खाते के घाटे पर असर डालने वाला यह एकमात्र बड़ा आयात है.मोइली ने इस अवसर पर यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा मैंने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री को पत्र लिखकर उन्हें सरकारी दफतरों के लिये अलग अलग समय रखने को कहा है. इससे व्यस्त घंटों के दौरान सड़कों पर भीड़भाड़ कम होगी और ईंधन की बचत होगी.

मोइली ने कहा कि उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुखों को सप्ताह में एक दिन कर्मचारियों के लिये बस दिवस घोषित करने का आग्रह किया है. इस दिन सभी कर्मचारी केवल सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करेंगे.मोइली ने हालांकि, अपने मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों में इस दिशा में पहल करते हुये सबसे पहले बस दिवस घोषित किये जाने के बारे में कुछ नहीं कहा. पेट्रोलियम मंत्रालय में हर साल ईंधन बचत पखवाड़ा मनाया जाता है, इससे कितने ईंधन की बचत हुई इसके बारे में भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि हर साल पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधाना एसोसियेसन एक पखवाड़े के लिये ईंधन बचत के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिये 20 करोड़ रुपये की लागत से अभियान चलाती है. इस साल इसके दोगुनी लागत से बड़ा जागरुकता कार्यक्रम चलाया जायेगा.

उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय से भी कहा है कि वह कुछ चुनींदा शहरों में ईंधन बचत कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुये निशुल्क साइकिल योजना की शुरुआत करे. इसके लिये उनहोंने तेल कंपनियों से वित्तपोषण समर्थन की भी पेशकश की है.

मोइली ने कहा कि देश में कुल तेल जरुरत का 75 प्रतिशत से भी अधिक आयात किया जाता है. चालू वित्त वर्ष के दौरान पेट्रोलियम पदार्थों की खपत 16 करोड टन तक पहुंचने का अनुमान है. पिछले साल यह 15.54 करोड़ टन रही थी.उन्होंने बताया कि थोक उपभोक्ताओं को डीजल की बिक्री बाजार मूलय पर करने और सस्ते सिलेंडर की आपूर्ति प्रति परिवार एक साल में नौ पर सीमित कर दिये जाने से इनकी मांग घटी है. डीजल की बिक्री 1.6 प्रतिशत और गैस सिलेंडर की खपत एक प्रतिशत कम हुई है.

मेगा तेल बचत अभियान के प्रचार प्रसार के लिये युवा खिलाड़ी विराट कोहली और सायना नेहवाल को शामिल किया गया है. स्मार्ट फोन और मीडिया के आधुनिक साधनों के जरिये भी ईंधन बचत के नुस्खे जन जन तक पहुंचाये जायेंगे.

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