अगरतला: विपक्षी दल कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि राज्य के एक गरीब आदिवासी परिवार को सरकारी लाभों की कमी के चलते अपने बच्चे को बेचने पर मजबूर होना पडा.त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और विधायक बिराजीत सिन्हा ने यहां कहा, एक आदिवासी मां द्वारा अपने एक दिन के बच्चे को बेचने की खबर को मीडिया में देखने के बाद मैंने उस गांव का दौरा किया और उस मां से बात की. उसने मुझे बताया कि एक और बच्चे को पालना अब उनके बस के बाहर है.
उन्होंने कहा कि हमने इस तरह की घटनाओं को पहले अन्य राज्यों में देखा है और अब त्रिपुरा में भी हम इनका सामना कर रहे हैं.स्थानीय अखबारों ने हाल ही में खबर दी थी कि तीन जून को खोवई जिले में आशारामबाडी ब्लॉक के मुंडाबस्ती गांव में रंजीत तांती और उसकी पत्नी सोमा ने उनके एक दिन के लडके को 4,500 रुपये में एक दंपत्ति को बेच दिया.
जब इस संबंध में राज्य के आदिवासी मंत्री अघोरे देबबर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें एक सूचना मिली है और उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं. देबबर्मा इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी करते हैं.
सिन्हा ने आरोप लगाया कि आदिवासी परिवार के पास बीपीएल कार्ड भी नहीं है और ना ही उसे गरीबी उन्मूलन की योजनाओं के तहत किसी तरह की सहायता मिली है.