11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

2 जी घोटाला : द्रमुक ने की दूरसंचार विभाग के दस्तावेजों के परीक्षण की मांग

नई दिल्ली : 2जी घोटाला प्रकरण की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की विवादित रिपोर्ट के मसौदे को मंजूरी देने के लिए सोमवार को बुलाई गई बैठक से ठीक पहले द्रमुक ने मांग की है कि उन दस्तावेजों की जांच की जाए जो दूरसंचार विभाग ने स्पेक्ट्रम आवंटन के फैसलों के समर्थन में […]

नई दिल्ली : 2जी घोटाला प्रकरण की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की विवादित रिपोर्ट के मसौदे को मंजूरी देने के लिए सोमवार को बुलाई गई बैठक से ठीक पहले द्रमुक ने मांग की है कि उन दस्तावेजों की जांच की जाए जो दूरसंचार विभाग ने स्पेक्ट्रम आवंटन के फैसलों के समर्थन में अदालतों और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(कैग )के समक्ष दाखिल किए हैं.

द्रमुक का प्रयास जाहिर तौर पर जेपीसी रिपोर्ट के मसौदे को मंजूरी देने में विलंब करने के लिए लगता है. मसौदा रिपोर्ट में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा पर अभियोग लगाया गया है. 2जी मामले की जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति में द्रमुक के सदस्य टी आर बालू ने समिति के अध्यक्ष पी सी चाको को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने दूरसंचार विभाग द्वारा 2 जी रेडियोतरंगों के आवंटन संबंधी फैसलों के बचाव में अदालतों में दाखिल किए गए दस्तावेजों और विभिन्न हलफनामों को ‘‘तत्काल’’ मंगवाने की मांग की है.

द्रमुक संप्रग की पूर्ववर्ती सहयोगी है. संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान ए. राजा द्रमुक के कोटे से सरकार में केंद्रीय मंत्री थे.बालू ने यह भी मांग की है कि दूरसंचार विभाग और कैग के बीच जिन संवाद पत्रों का आदान प्रदान हुआ है उन्हें भी जांच के लिए मंगवाया जाए.

द्रमुक नेता ने कहा कि विभिन्न हलफनामों के निपटारे में मदद करने वाले अधिकारियों को भी 30 सदस्यीय पैनल के समक्ष तलब किया जाए.सोमवार को जेपीसी की बैठक होनी है जिसमें, इसकी रिपोर्ट के मसौदे को स्वीकृति दी जानी है. मसौदा अप्रैल माह में जारी किया गया था. बालू ने कहा कि दस्तावेज दूरसंचार विभाग द्वारा उठाए गए कदमों को उचित ठहराने के लिए पर्याप्त हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि समिति दस्तावेजों की उपेक्षा कर रही है.

बालू ने लिखा है ‘‘जेपीसी ने न तो इस संबंध में दस्तावेजों की जांच की और न ही उन लोगों से जिरह की जिनकी दस्तावेजों के संबंध में अहम भूमिका थी..इसलिए मैं आपसे उन हलफनामों और पत्रों के रिकॉर्ड को तत्काल मंगवाने तथा इन्हें तैयार करने और निपटाने में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों से पूछताछ के लिए इंतजाम करने का आग्रह करता हूं.’’

बहरहाल, बैठक के लिये विभिन्न दलों की तैयारियों हो चुकीं है. भाजपा और वाम सदस्य इस मसौदा रिपोर्ट के विरोध को लेकर कमर कसे हुये हैं. वह या तो इसमें अपनी और से असहमति का कड़ा नोट देंगे या फिर मत विभाजन की मांग करेंगे.

समिति में सत्तारुढ़ संप्रग के 12 सदस्य हैं. इनमें से कांग्रेस के 11 और राकांपा का एक सदस्य है. बाहरी सहयोगियों में सपा का एक सदस्य और बसपा के दो सदस्य हैं.

विपक्षी खेमे में समिति में भाजपा के 6 सदस्य और बीजद, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा, द्रमुक तथा अन्नाद्रमुक के एक एक सदस्य हैं. हाल ही में भाजपा से अलग हुए जदयू के दो सदस्य समिति में हैं और जदयू का रुख महत्वपूर्ण होगा.इसके अलावा, समिति में राज्यसभा से एक नामित सदस्य है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें