नयी दिल्ली:वाम दलों के नेताओं ने आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात करके पश्चिम बंगाल के पोंजी घोटाला की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की. उन्होंने राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस ‘‘अभूतपूर्व धोखाधड़ी’’ की ऐसी जांच का इसलिए विरोध कर रही है, क्योंकि उसे डर है कि ऐसा होने से इस धांधली में उसकी कथित संलप्तिता की पोल खुला जाएगी.
इस प्रतिनिधिमंडल में माकपा के सीताराम येचुरी, बासुदेव आचार्य, सूर्यकांत मिश्र, आसिम मनोहर, भाकपा के प्रबोध पांडा और आरएसपी के मनोहर तिरकी शामिल थे. वाम दल लंबे समय से मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार ऐसी जांच का विरोध इसलिए कर रही है क्योंकि इससे उनकी पार्टी और चिट फंड घोटाले में शामिल सारदा समूह और अन्य से उसके कथित रिश्तों की पोल खुल जाएगी.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता मिश्र ने पूर्व में दावा किया था कि पोंजी योजनाएं चलाने वालों ने सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस को धन उपलब्ध कराया और सीबीआई की जांच होने से तृणमूल के दर्जन भर सांसद और विधायक परेशानी में फंस जाएंगे. येचुरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाल में छोटे जमाकर्ताओं के संरक्षण के लिए कानून बनाने के पीछे भी उद्देश्य यह है कि चिट फंड चलाने वालों को अपनी संपत्तियां इधर उधर लगाने का अवसर मिल जाए. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार चिट फंड चलाने वालों को संरक्षण दे रही है.’’