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तेलंगाना पर कैबिनेट नोट को राजनीतिक मंजूरी की प्रतीक्षा

नयी दिल्ली: गृह मंत्रालय ने तेलंगाना राज्य के गठन के लिए नोट तैयार कर लिया है तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अमेरिका से लौट आने और ‘‘राजनीतिक सहमति’’ मिलने के बाद इसे केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश किया जायेगा. गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे के निर्देश के बाद मंत्रालय नये राज्य के गठन के […]

नयी दिल्ली: गृह मंत्रालय ने तेलंगाना राज्य के गठन के लिए नोट तैयार कर लिया है तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अमेरिका से लौट आने और ‘‘राजनीतिक सहमति’’ मिलने के बाद इसे केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश किया जायेगा.

गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे के निर्देश के बाद मंत्रालय नये राज्य के गठन के लिए कैबिनेट नोट तैयार किया है. नया राज्य संवैधानिक प्रावधानों के तहत आंध्र प्रदेश को विभाजित कर बनाया जायेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने कैबिनेट नोट तैयार कर लिया है लेकिन राजनीतिक सहमति की प्रतीक्षा की जा रही है.’’ उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस प्रमुख के अमेरिका के लौट आने के बाद ही सहमति मिलने की उम्मीद है. सोनिया गांधी स्वास्थ्य संबंधी जांच के लिए दो सितंबर को अमेरिका गयी थी और एक हफ्ते में उनके वापस लौट आने की संभावना है.

गृह मंत्रालय राजनीतिक मंजूरी मिल जाने के बाद ही इसे गौर करने के लिए कानून मंत्रालय के पास भेजेगा. शिंदे ने कल कहा था कि उनका मंत्रालय अलग तेलंगाना राज्य के गठन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष पेश करने के मकसद से एक नोट तैयार कर रहा है और इसे जल्द ही लाया जायेगा. कांग्रेस कार्य समिति ने तेलंगाना पर निर्णय कर लिया है और सरकार से एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है.

शिंदे ने कहा, ‘‘एक प्रक्रिया पूर्ण हो गयी है. अब यह सरकार के पास है और दूसरा चरण शुरु हुआ है. यह जल्द आयेगा.’’ मंगलवार को शिंदे ने कहा था कि तेलंगाना राज्य के गठन के लिये प्रक्रिया शुरु करने मकसद से एक नोट अगले 20 दिन में केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश किया जायेगा.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं रक्षामंत्री ए के एंटनी के नेतृत्व और वीरप्पा मोइली एवं अहमद पटेल की सदस्यता वाली अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की एक समिति अलग तेलंगाना राज्य के लिए पार्टी कार्यसमिति के निर्णय के मद्देनजर सभी पक्षों की राय जान रही है.

यह समिति कांग्रेस प्रमुख को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. आंध्र प्रदेश को विभाजित कर नया राज्य बनाये जाने के खिलाफ सीमान्ध्र क्षेत्र में निरंतर हो रहे विरोध के बारे में एंटनी समिति को जानकारी दी गयी है.

संसद के हाल में संपन्न हुए मानसून सत्र में आंध प्रदेश के विभाजन का विरोध कर रहे सीमान्ध्र क्षेत्र के कांग्रेस एवं तेदेपा सांसदों ने इसका कड़ा विरोध किया. उम्मीद की जा रही है कि तेलंगाना के गठन के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मंत्रियों का समूह गठित किया जायेगा. जीओएम आंध्र प्रदेश के विभाजन से उत्पन्न होने वाले मुद्दों पर व्यापक रुप से विचार विमर्श करेगा. उम्मीद है कि इससे पहले आंध्र प्रदेश विधानसभा को नये राज्य के गठन के लिए एक प्रस्ताव भेजा जायेगा.

तेलंगाना के गठन के बाद यह भारत का 29वां राज्य होगा.कांग्रेस कार्य समिति की 30 जुलाई को हुई बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें ‘‘संविधान के अनुरुप अलग राज्य तेलंगाना का गठन, निश्चित समय सीमा के भीतर करने के लिए कदम उठाने का’’ केंद्र से अनुरोध किया गया.सीडब्ल्यूसी ने सरकार से यह भी सिफारिश की कि हैदराबाद को 10 वर्ष की अवधि के लिए संयुक्त राजधानी बना दिया जाये.

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