नयी दिल्ली : कोयला मंत्रालय की गुम फाइलों पर कांग्रेस नीत संप्रग सरकार को घेरते हुए भाजपा ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मांग की कि कल विदेश यात्रा पर जाने से पूर्व वह संसद में इस बारे में बयान दें.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, हमारे सांसद हंसराज अहिर ने एक स्थगन प्रस्ताव दिया है. इस सत्र के दौरान जब कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ी फाइल गुम होने का विषय सामने आने पर हमने प्रधानमंत्री से वक्तव्य देने की मांग की थी. तब संसदीय कार्य मंत्री ने कहा था कि कोयला मंत्री इस विषय पर अपना वक्तव्य देंगे और प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करेंगे. उन्होंने कहा कि इसे हमने मान लिया और इसके बाद सदन में काफी काम हुआ, खाद्य सुरक्षा विधेयक, भू अधिग्रहण विधेयक पारित हुए.
सुषमा ने कहा, हमें जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री कल जी 20 की बैठक में हिस्सा लेने विदेश जा रहे है. इस दृष्टि से आज का ही दिन प्रधानमंत्री के बयान के लिए बचता है. उन्होंने कहा, इस बीच उच्चतम न्यायालय ने सरकार को कोयला ब्लाक से जुड़ी फाइल गुम होने पर फटकार लगायी है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि फाइलें गायब हुई है तो एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गयी और फाइलें गायब हुई है या यह इस मामले की लीपापोती का प्रयास है. सुषमा ने कहा, हमारा कहना है कि कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल वक्तव्य दें और प्रधानमंत्री उस बयान पर स्पष्टीकरण के दौरान हस्तक्षेप करें.
उन्होंने कहा, हम अपने बाकी साथियों से कहना चाहते हैं कि आज अन्य मुद्दों को छोड़कर कोयला मामले पर चर्चा चले. इससे पहले लोकसभा की कार्यवाही शुरु होने पर भाजपा सदस्य कोयला ब्लाक से जुड़ी फाइलें गुम होने के मामले पर सरकार से जवाब देने की मांग कर रहे थे. भाजपा सदस्य इस विषय पर नारेबाजी कर रहे रहे और कह रहे थे, कहां गयी, कहां गयी, कोयले की फाइल कहां गयी, जवाब दो, जवाब दो. प्रधानमंत्री जवाब दो.
इससे पूर्व , भाजपा संसदीय दल की बैठक में आज फैसला किया गया कि वह दोनों सदनों में कोयला ब्लाक आवंटन से संबंधित फाइलों के गुम होने के मुद्दे को उठायेगी और प्रधानमंत्री से मांग करेगी कि वह समूह 20 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल विदेश रवाना होने से पूर्व संसद में इस बारे में बयान दें.
संसदीय दल की बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं से कहा, प्रधानमंत्री को यह बताना ही चाहिए कि इसमें मामले में कौन लोग शामिल हैं क्या कार्रवाई की गयी है और किन्हें जवाबदेह ठहराया गया है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय द्वारा सीबीआई को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के बावजूद अभी तक ऐसा क्यों नहीं किया गया.
भाजपा नेता ने कहा कि तत्काली कानून मंत्री अश्विनी कुमार को इस मामले में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट में फेरबदल करने के चलते अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इससे साबित होता है कि इस सब प्रक्रिया में वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, सरकार कोयला घोटाले में अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकती. इसे बताना होगा कि अभी तक गायब फाइलों के बारे में उसने क्या किया है.