नयी दिल्ली : भाजपा से निलंबित राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी पार्टी के लिए सिरदर्द बन गए हैं. लंबी गैर मौजूदगी और चुप्पी के बाद वह मंगलवार को संसदीय दल की बैठक में घुस आए और पार्टी पर ही तोहमत लगाकर चले गए.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नरम पड़ गई है. अब बुधवार को पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक में उनके निष्कासन का फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, कुछ नेता उन्हें खुली छूट देने के पक्ष में नहीं है. पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनकी बातों पर संज्ञान लिया गया है. पार्टी आगे की कार्रवाई तय करेगी. गौरतलब है कि निलंबित सदस्य संसदीय दल की बैठक में नहीं आ सकते.
अक्सर भाजपा को असहज करते रहे जेठमलानी पार्टी व्हिप जारी होने के बाद संसद आए थे. दरअसल, सरकारी उपक्रमों से संबंधित राज्यसभा की कमेटी में मतदान के लिए व्हिप जारी हुआ था. आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने मतदान में भी हिस्सा नहीं लिया, जबकि उसी मतदान के लिए कांग्रेस ने नामांकित अभिनेत्री रेखा को दिल्ली बुलाया था.
शपथ लेने के बाद रेखा पहली बार संसद में दिखी थीं. जेठमलानी ने संसदीय बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे लालकृष्ण आडवाणी से बोलने का समय लिया और नेतृत्व पर ही सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर भाजपा ने चुप्पी साध ली है. बाहर संदेश जा रहा है कि सत्तापक्ष और विपक्ष ने हाथ मिला लिया है.
जेठमलानी ने नेतृत्व को चुनौती दी कि वह इसके लिए भी कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि चार महीने पहले उन्हें निलंबित कर नोटिस दिया गया था. कोई फैसला क्यों नहीं हो रहा है. बाहर करना है तो करें या फिर निलंबन खत्म करें. वह अपनी बात बोलकर चलते बने. बताते हैं कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को भी इस आशय का पत्र लिखा है.
उनके आरोप पर सांसदों में आक्रोश था. रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन जैसे कई सदस्य उनके खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. हालांकि, कुछ नेताओं का मानना है कि इससे जेठमलानी को छूट मिल जाएगी.