नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के बारे में कहा कि उनकी चुप्पी ने उत्तर प्रदेश सरकार को ‘‘जिद्दी’’ बना दिया.न्यायमूर्ति जी. एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति के. एस. राधाकृष्णन की खंडपीठ ने टूजी स्पेक्ट्रम आबंटन मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘बेचारी, उन्होंने एक लफ्ज नहीं कहा और सरकार इतनी अड़ियल हो गई कि उसने कुछ नहीं सुना.’’ सुनवाई के दौरान बालू के उत्खनन और मामलों के मीडिया कवरेज का मुद्दा उस समय उभरा जब अदालत ने अदालती मामलों के मीडिया कवरेज पर अपनी नाराजगी जताई.
अदालत ने बालू के उत्खनन का जिक्र करने से पहले कहा, ‘‘मीडिया पूरी तरह से अलग छवि बनाता है.’’ टूजी स्पेक्ट्रम मामले में पेश वरिष्ठ वकील हरीश सालवे ने दुर्गा की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘उनका बर्ताव उल्लेखनीय है.’’ सालवे ने कहा, ‘‘उन्होंने बहुत ही परिपक्व तरीके से बर्ताव किया.’’ उल्लेखनीय है कि दुर्गा ने अभी तक अपने निलंबन पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है.