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भैयाजी जोशी होंगे संघ की ओर से भाजपा के प्रभारी, दत्तात्रेय हसबोले को मिलेगा प्रमोशन
नागपुर/नयी दिल्ली : 13 मार्च से शुरू होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक से ठीक पहले संघ और भाजपा के अंदर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नागपुर के महाल स्थित संघ मुख्यालय में आठ घंटे तक संघ […]
नागपुर/नयी दिल्ली : 13 मार्च से शुरू होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक से ठीक पहले संघ और भाजपा के अंदर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नागपुर के महाल स्थित संघ मुख्यालय में आठ घंटे तक संघ के शीर्ष नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया. आम तौर पर प्रतिनिधिसभा की बैठक के बाद संघ के सांगठनिक ढांचे में फेरबदल होता है, जिसका असर भाजपा पर भी पड़ता है.
हालांकि संघ नेताओं व शाह की यह मुलाकात देश के मौजूदा राजनीतिक हालात, मुद्दों से भी जुड़े थे, लेकिन इसमें सांगठनिक स्तर पर बदलाव की बातें भी शामिल थीं. सूत्रों के अनुसार, संघ में नंबर दो की हैसियत वाले भैया जी जोशी को नागपुर से दिल्ली भेजा जा सकता है. जोशी वहां झंडेवालान स्थित संघ के दूसरे सबसे अहम कार्यालय में प्रवास करेंगे और भाजपा का प्रभार संभालेंगे. भैयाजी जोशी की जगह दत्तात्रेय हसबोले को संघ में सेकेंड इन कमांड यानी सर कार्यवाह (महासचिव) बनाया जायेगा. फिलहाल, संघ की तरफ से भाजपा का कामकाज सुरेश सोनी देखते हैं, जो सह सर कार्यवाह के पद पर हैं और झंडेवालान में ही रहते हैं.
सूत्रों के अनुसार, हर तीन साल में होने वाली संघ की प्रतिनिधि सभा की 13 मार्च से शुरू होने वाली बैठक से पहले इसकी कार्ययोजना से अवगत कराने के लिए ही संघ प्रमुख मोहन भागवत की ओर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को नागपुर तलब किया गया था. उन्हें नागपुर से बुलावा उस समय आया, जब वह होली के अवसर पर अपने गृहनगर अहमदाबाद जाने वाले वाले थे. इस कारण उन्हें अपना गुजरात दौरा भी टालना पड़ा. प्रतिनिधिसभा की बैठक से पूर्व संघ के अंदर विभिन्न स्तरों पर विभिन्न सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता का दौर शुरू हो चुका है. इसी क्रम में शाह नागपुर पहुंचे थे.
संघ सूत्रों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व ने अमित शाह के साथ मुफ्ती मोहम्मद सईद के बयानों, भाजपा-पीडीपी गंठबंधन, कश्मीर मुद्दे, भूमि अधिग्रहण विधेयक, धारा 370 जैसे मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की. संघ नेतृत्व ने भाजपा से यह जानना चाहा है कि वह पीडीपी द्वारा पैदा किये जाने वाले राजनीतिक संकटों से कैसे निबटेगी और देश को क्या जवाब देगी. दरअसल, पीडीपी अपने बयानों, मांग व फैसले के कारण लगातार भाजपा के लिए संकट पैदा कर रही है. ऐसे में इस गंठबंधन को भविष्य को लेकर संघ नेतृत्व भी स्वाभाविक रूप से चिंतित है.
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