नयी दिल्ली : राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव रखा. उन्होंने राज्यसभा में सार्थक बहस के लिए सबको धन्यवाद दिया. नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भी कांग्रेस द्वारा लगाये गये आरोपों का जवाब दिया. मोदी ने राज्यसभा में कार्यवाही बाधित करने और सदन से बार- बार वॉकआउट करने पर भी निशाना साधा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर बनी है और उसी के अनुसार चलेगी. उन्होंने मुफ्ती मोहम्मद सईद का नाम लिये बिना कहा कि कल जो बयान दिया गया, उसका हम कतई समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा आतंकवाद पर जीरो टालरेंस की नीति ही चलेगी. उन्होंने कहा कि कहीं कोई बयान दे और हम उस पर सफाई दें, ऐसे में हम आगे नहीं बढ़ सकेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर में मतदाताओं ने न सिर्फ लोकतंत्र में अपनी आस्था जतायी, बल्कि इस मुद्दे पर दुनिया भर में कायम भ्रम को भी दूर किया. उन्होंने कहा कि सदन और देश की 125 करोड़ जनता को मैं आश्वस्त करता हूं कि कश्मीर मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित प्रस्ताव ही स्वीकार्य होगा और इससे कोई समझौता नहीं किया जायेगा.
उन्होंने कहा, लोकतंत्र में किसी की धमकियां नहीं चली न चलेगी, जिस वक्त मैं वक्त में गुजरात का मुख्यमंत्री था मुझे हर रोज जेल भेजने की धमकी मिलती रही. उन्होंने कहा, लोकतंत्र में आपातकाल के दौरान लोगों को क्या क्या जुल्म नहीं हुए. उन्होंने कहा देश के कानून के तरीके से चलता है. सदन में बार- बार प्रधानमंत्री के वक्तव्य को रोक कर सदस्य अपनी बात रखने की कोशिश करते रहे.
मायावती और शरद यादव ने भी इस दौरान सवाल उठाये. मायावती ने जहां निजी श्रेत्र में आरक्षण की मांग उठायी वहीं शरद यादव ने गरीबों और पिछड़ों के हितों का सवाल उठाया. मोदी ने इसके जवाब में स्वच्छता अभियान, गंगा सफाई योजना, जनधन योजना, स्कील डवलेपमेंट, टॉयलट जैसे कई योजनाओं के नाम गिनाये जो गरीब के हितों के लिए काम कर रहे हैं. मोदी ने सवाल किया कि इनमें से कौन सी योजना कॉपरेट के हित में है.
बार- बार जारी गतिरोध पर प्रधानमंत्री ने कहा, सदन में बहुत तपस्वी और महान लोग है मैं सदन में नया हूं आप मेरी रक्षा कीजिए. प्रधानमंत्री ने योजनाओं के पुराने होने पर लोकसभा में भी जवाब दिया था. उन्होंने राज्यसभा में भी इस तरह के आरोपों पर जवाब दिया और अटल बिहारी के कार्यकाल में शुरू की गयी कई योजनाओं का जिक्र किया जिसका नाम बदलकर नये रूप में पेश किया गया इसमें आधार कार्ड, रोजगार गांरटी, स्वच्छता अभियान जैसे कई योजनाओं का जिक्र किया है. मोदी ने कहा, आज हम अगर सत्ता में हैं तो इसका यह मतलब नहीं की हम में ही सारी खूबी है. मैंने लालकिले से यही बात कही थी कि आज देश अगर विकास के पथ पर है जो उसमें अबतक की सारी सरकारों का योगदान है. हम यह नहीं मानते कि देश 1947 में बना बल्कि देश कई सदियों पहले से है. इस देश में ऋषि मुनियों ने गरीबों ने किसानों ने बहुत योगदान दिया है. सरकारों ने देश नहीं बनाया इस देश को इन्होंने बनाया. हम इस नजरिये से नहीं जीते . उन्होंने भाजपा पर एक वर्ग के वोट मिलने पर भी जवाब दिया उन्होंने कहा हम देश के चारों छोर पर हैं.
कालाधन और भूमि अधिग्रहण बिल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी एसआईटी का गठन नहीं किया उनकी कोशिश किसी को बचाने की थी. हमने इस पर तेजी से काम किया है. भूमि अधिग्रहण पर मोदी ने कहा, हम किसानों के विरोध में कोई कदम नहीं उठाना चाहते लेकिन गांव में सड़क बनाने के लिए हमें जमीन चाहिए, सिंचाई के जमीन चाहिए, घर बनाने के लिए जमीन चाहिए.
इनका भी विशेष ध्यान रखना चाहिए.अगर इसमे कुछ कमी है तो हम बदलाव के लिए तैयार हैं. इस कानून में राज्यों को काम करने में भी परेशानी हुई है. प्रधानमंत्री ने आर्दश ग्राम योजना को आगे ले जाने के लिए सबका धन्यवाद किया. उन्होंने महत्वपूर्ण रूप से कांग्रेस सांसद मोतिलाल वोरा की तारीफ की. सदन में उन्होंने अबतक के कामकाज का ब्यौरा दिया और यूपीए के कार्यकाल से उसकी तुलना भी की.
मोदी ने कहा, रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देना होगा. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर डीजिटल इंडिया की भी चर्चा की उन्होंने कहा देश में 90 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता है जल्द ही यह 100 करोड़ हो जायेंगे. माकपा सांसद सीताराम येचुरी ने चेन्नई में 25 हजार लोगों की नौकरी जाने पर सवाल खड़े किये थे उसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नोकिया की फैक्ट्री बंद हो गयी इस कारण नौकरी गयी और यह हमारी सरकार में नहीं हुआ हमारी कोशिश है कि हम उस पर ध्यान दें.
मोदी ने सरकार के खिलाफ फैलाये जा रहे भ्रम का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार खाद्य सुरक्षा का दायरा 67 से घटाकर 40 प्रतिशत करने वाली है जो बिल्कुल गलत है इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. दूसरा भूमि अधिग्रहण के बाद मिलने वाले मुआवजे को लेकर यह अफवाह है कि सरकार इसको भी कम करेगी लेकिन हमने इसमें जरा भी बदलाव नहीं किया ये जैसा था वैसा ही रहेगा. अंत में प्रधानमंत्री ने सबके साथ और मिलकर विकास करने की इछ्छा जाहिर की और सबको धन्यवाद दिया.