चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने आज कहा है कि केंद्र दलित ईसाइयों को दलित हिंदुओं, सिखों और बौद्धों की तरह ही समझे और उन्हें अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करे.जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे एक पत्र में कहा है ‘हिंदू अनुसूचित जातियों और धर्मांतरित ईसाइयों के बीच असंतुलित विकास की स्थिति को लेकर सामाजिक तनाव समय के साथ बढ़ता गया है और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच अलगाव की भावना गहरी होती गई है. इस मुद्दे के हल में और अधिक अनदेखी नहीं की जा सकती.’
दलित ईसाइयों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने के लिए सिंह से अनुरोध करते हुए जया ने कहा है कि इसके लिए रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिश के मुताबिक संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 के तीसरे पैरा को हटा दिया जाना चाहिए.मुख्यमंत्री ने कहा है कि अनुसूचित जातियां चाहे किसी भी धर्म की हों, उन्हें संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 में सूचीबद्ध अनुसूचित जातियों के दज्रे के दायरे में लाने के लिए आवश्यक वैधानिक कदम उठाने के लिए तत्काल प्रयास करने चाहिए और संसद के चालू सत्र में आवश्यक विधेयक लाना चाहिए.