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आतंक रोधी अभियानों के सीधे प्रसारण पर रोक लगनी चाहिए : गृह मंत्रालय

नयी दिल्ली : टीवी चैनलों पर आतंकवाद रोधी अभियानों के सीधे प्रसारण पर रोक लगाने की दिशा में एक कदम आगे बढाते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि ‘आतंकवाद रोधी अभियानों’ के सीधे प्रसारण पर रोक लगनी चाहिए. सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा ‘आतंक रोधी अभियानों’ और ‘आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई’ शब्दावली की परिभाषा […]

नयी दिल्ली : टीवी चैनलों पर आतंकवाद रोधी अभियानों के सीधे प्रसारण पर रोक लगाने की दिशा में एक कदम आगे बढाते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि ‘आतंकवाद रोधी अभियानों’ के सीधे प्रसारण पर रोक लगनी चाहिए. सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा ‘आतंक रोधी अभियानों’ और ‘आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई’ शब्दावली की परिभाषा मांगे जाने के बाद गृह मंत्रालय ने अपनी स्थिति का उल्लेख किया. गृह मंत्रालय ने अवगत कराया है कि आतंक रोधी अभियानों के सीधे प्रसारण से सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं से समझौता होगा और बंधक संकट की स्थिति में सुरक्षाकर्मियों तथा निदरेष लोगों का जीवन खतरे में पडेगा.

आतंकवाद के खिलाफ पहल में माओवाद प्रभावित तथा अन्य इलाकों में सडकों, पुलों, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण और संचार नेटवर्क में सुधार शामिल है. पूर्व में गृह मंत्रालय ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से कहा था कि वह आतंक रोधी अभियानों का सीधा प्रसारण रोकने के लिए नियमों में बदलाव करे. मुम्बई हमले के दौरान के दुखद अनुभव का उल्लेख करते हुए गृह मंत्रलय ने सूचना और प्रसारण मंत्रलय से केबल टेलीविजन नेटवर्क रुल्स के तहत कार्यक्रम संहिता में संशोधन करने को कहा था, ताकि भविष्य में आतंकवाद से संबंधित अभियान का प्रसारण न हो सके.

टीवी चैनलों ने मुम्बई हमलों के दौरान एनएसजी के अभियान का सीधा प्रसारण किया था. गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा था कि इस तरह का सीधा प्रसारण न सिर्फ अभियान की गोपनीयता और प्रभाव पर असर डालता है, बल्कि सुरक्षा कर्मियों, आम लोगों और पत्रकारों की सुरक्षा को भी जोखिम में डालता है. मुम्बई हमलों के बाद राष्ट्रीय प्रसारक एसोसिएशन ने निजी प्रसारकों की ओर से स्व नियमन के तहत आतंकवाद से संबंधित स्थितियों की सीधी रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध सहित कई नियम रखे थे. हालांकि, अब तक आतंक रोधी अभियानों के सीधे प्रसारण पर कोई आधिकारिक रोक नहीं है.

गृह मंत्रालय ने इस उद्देश्य के लिए केबल टेलीविजन नेटवर्क रुल्स 1994 में दी गई 15 सूत्री कार्यक्रम संहिता में अधिक बदलावों की मांग की है. नियमों में 2009 में उस समय संशोधन किया गया था जब निजी प्रसारकों को केबल टेलीविजन नेटवर्क्‍स रुल्स के दायरे में लाया गया था. मुम्बई आतंकी हमलों के दौरान टेलीविजन चैनलों ने सुरक्षाबलों की कार्रवाई, हेलीकॉप्टर से कमांडो उतारे जाने सहित अभियान का सीधा प्रसारण किया था. इसके चलते अधिकरियों को हस्तक्षेप करना पडा और इसे रोकना पडा.

पिछले महीने सूचना और प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने एक व्याख्यान में संकेत दिया था कि आतंकवाद संबंधी अभियानों की मीडिया कवरेज के लिए जल्द नियम लाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा था कि सरकार मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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