नयी दिल्ली: उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कॉलेजियम प्रणाली को खत्म करने वाले विधेयक को कानून मंत्री कपिल सिब्बल की अनुपस्थिति के कारण केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश नहीं किया जा सका.
समझा जाता है कि अस्वस्थता के कारण वह आज शाम कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हो सके.कानून मंत्रालय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक को आगे बढ़ा रहा है लेकिन सरकार का एक धड़ा इसके कुछ प्रावधानों के खिलाफ है.सरकार कॉलेजियम प्रणाली की जगह न्यायिक नियुक्ति आयोग को लाना चाहती है जिसका उच्चतम न्यायालय और 24 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में दखल होगा.
प्रस्ताव के तहत सरकार भारत के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक पैनल बनाना चाहती है जो वरिष्ठ न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण को देखेगा. न्यायपालिका इसके विरोध में है. प्रस्तावित आयोग के अन्य सदस्य उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीश, कानून मंत्री, कानून मंत्रालय में दो विद्वान सदस्य एवं सचिव (न्याय) होंगे.प्रस्ताव के लिए संवैधानिक संशोधन की जरुरत होगी.