नयी दिल्ली : नियंत्रण रेखा पर पांच भारतीय सैनिकों की हत्या पर रक्षा मंत्री ए के एंटनी के बयान को लेकर उठे राजनीतिक विवाद के बीच कांग्रेस ने आज सफाई दी कि एंटनी ने इस घटना के सिलसिले में पाकिस्तानी सेना को क्लीन चिट नहीं दी है. पार्टी ने भाजपा द्वारा पाकिस्तान से संबंधित मामले से निपटने को लेकर सरकार की आलोचना को भी खारिज किया और कहा कि युद्ध कोई समाधान नहीं है और बातचीत एवं चर्चा पड़ोसी के साथ विवाद को सुलझाने का एक मात्र रास्ता है.
कांग्रेस प्रवक्ता पी सी चाको ने विपक्षी दल पर चुनावी फायदे के लिए मुद्दे का राजनीतिक रुप देने का आरोप लगाया और साथ ही भाजपा को याद दिलाने का प्रयास किया कि राजग के शासनकाल के दौरान पाकिस्तान के साथ शांति प्रयासों का क्या नतीजा रहा था. उन्होंने कहा कि यह कहना एक ‘‘गलत’’ व्याख्या है कि रक्षा मंत्री के बयान का मतलब था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हमले में पाकिस्तानी सेना शामिल नहीं थी. चाको ने कहा कि मुद्दे को घुमाने, गलत व्याख्या करने या राजनीतिकरण करने का कोई भी प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण होगा.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब उन्होंने (एंटनी ने) कहा कि पाकिस्तानी सेना की वर्दी में लोग, तब क्या उन्होंने नहीं कहा कि पाकिस्तानी सेना क्या उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना नहीं क्या एंटनी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना की कोई भूमिका नहीं थी. पाकिस्तान की भूमिका से कोई इंकार नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता ने इस बात को भी गलत बताया कि रक्षा मंत्री ने बयान देने में गड़बड़ की.
एंटनी के बयान पर स्पष्टीकरण की मांग पर भाजपकायम
लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और नियंत्रण रेखा पर भारत के पांच सैनिकों की हत्या के मुद्दे पर रक्षा मंत्री ए के एंटनी बयान पर गहरी आपत्ति व्यक्त की और इस गंभीर मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने की मांग की.बांग्लादेश के साथ सीमा भूमि समझौते के बारे में प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित किया था. बैठक के दौरान आडवाणी के अलावा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली भी मौजूद थे. सरकार की ओर से रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने भी बैठक में हिस्सा लिया.
प्रधानमंत्री के साथ करीब एक घंटे तक चली बैठक में भाजपा नेताओं ने रक्षा मंत्री के बयान के मुद्दे को उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादियों ने, जिनमें से कुछ पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हुए थे, भारतीय चौकी को निशाना बनाया जिसमें पांच भारतीय सैनिक मारे गए. भाजपा नेताओं ने एंटनी के बयान पर अप्रसन्नता व्यक्त की और इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने की अपनी मांग पर कायम रहे.
समझा जाता है कि भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री से पूछा कि रक्षा मंत्री का रुख पाकिस्तान के प्रति नरम क्यों है? और सरकार ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर लापरवाही क्यों बरत रही है? संसद में लिये गए अपने रुख पर कायम रहते हुए भाजपा नेताओं ने जानना चाहा कि रक्षा मंत्री और सेना के बयान में विरोधाभास क्यों है? उन्होंने यह भी सवाल किया कि नियंत्रण रेखा पर भारत के पांच सैनिकों की हत्या किये जाने के बाद भी पाकिस्तान को क्लिनचिट देने की सरकार की क्या मजबूरी है?भाजपा ने बांग्लादेश सीमा भूमि समझौते पर अपने विरोध से भी सरकार को अवगत कराया और कहा कि भारत को इस दौरान प्राप्त होने वाली जमीन से अधिक भूमि देनी पड़ेगी.