नयी दिल्ली : केंद्र ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि ग्रीनपीस की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लै को लंदन जाने वाली उनकी उडान से इसलिए जाने नहीं दिया गया था क्योंकि ब्रिटेन की एक संसदीय समिति के समक्ष उनका प्रस्तावित बयान भारतीय हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता था.
केंद्र ने यह भी कहा कि इस समिति की बैठक में उनके जाने से वैश्विक रूप से व्यापक प्रभाव पडता जिससे देश के द्वारा आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए किये जा रहे व्यापक प्रयासों की गलत छवि बनती. बैठक में उनके जाने से एक विदेशी राष्ट्र की विदेश नीति के हित सधते.
गृह मंत्रालय ने 13 फरवरी को उच्च न्यायालय में दाखिल किये गये एक हलफनामे में यह बात कही है. यह हलफनामा उच्च न्यायालय के निर्देश पर दिया गया है. पिल्लै को 11 जनवरी को यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनकी लंदन जाने वाली उडान से उतार लिया गया था. इसके विरुद्ध पिल्लै ने अदालत में एक याचिका दायर की है.