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बची रहेगी अभी बंसल व अश्वनी की कुर्सी

नयी दिल्ली: संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्वनी कुमार के इस्तीफों से संबंधित विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए फैसला किया है कि फिलहाल ये दोनों मंत्री अपने पद पर बने रहेंगे. कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में रविवार को यह फैसला किया गया. पार्टी अध्यक्ष […]

नयी दिल्ली: संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्वनी कुमार के इस्तीफों से संबंधित विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए फैसला किया है कि फिलहाल ये दोनों मंत्री अपने पद पर बने रहेंगे.
कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में रविवार को यह फैसला किया गया. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई इस बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बंसल और कुमार के इस्तीफे की संभावना को खारिज कर दिया. इसके साथ ही तिवारी ने राजग संयोजक और जनता दल (यू) के अध्यक्ष शरद यादव की ओर से बंसल का बचाव किए जाने का हवाला दिया.
भाजपा और कुछ दूसरे विपक्षी दल बंसल के भांजे की रिश्वत के मामले में गिरफ्तारी के बाद मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. भाजपा ने बंसल को हटाने और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है. अश्वनी कुमार के इस्तीफे की मांग कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट को तैयार करने में उनके द्वारा कथित तौर पर हस्तक्षेप करने को लेकर की जा रही है.

तिवारी ने कहा कि मामले की जांच पूरी होने तक रेल मंत्री पर कोई फैसला करना ‘अनुचित’ होगा. मंत्री ने खुद इस मामले में जांच का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, ‘‘दो समानांतर प्रक्रियाएं चल रही हैं. एक सुनवाई सार्वजनिक तौर पर चलाई जा रही है और दूसरी प्रक्रिया जांच की है..उच्चतम न्यायालय ने खुद कहा है कि आरोप साबित होने तक कोई भी व्यक्ति निदरेष माना जाएगा.’’ तिवारी ने इस मत को खारिज कर दिया कि कांग्रेस नेतृत्व अलग अलग नेताओं के लिए अलग अलग रुख अख्तियार कर रहा है और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण से ऐसी ही परिस्थितियों में इस्तीफा लिया गया था.

उन्होंने कहा, ‘‘अलग अलग लोगों के लिए कोई अलग मापदंड नहीं है.. अगर कोई समानता दिखाने का प्रयास हो रहा है तो वह मिथ्या है.’’ कानून मंत्री अश्वनी कुमार के इस्तीफे की मांग के संदर्भ में तिवारी ने कहा कि कुमार से संबंधित मुद्दा अदालत के विचाराधीन है और इस पर आठ मई को अदालत में सुनवाई होनी है.

भाजपा पर संसद में अवरोध की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए तिवारी ने कहा कि जो लोग इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, उन्हें पहले अपने भीतर झांकना चाहिए. कांग्रेस नेतृत्व की ओर से दोनों मंत्रियों के साथ खड़े रहने का फैसला करने से संसद में गतिरोध बढ़ सकता है. बीते 22 अप्रैल से शुरु हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में अब तक कोई कामकाज नहीं हो पाया है. वित्त विधेयक और रेल बजट को बिना बहस के और विपक्ष के वाकआउट के बीच पारित कर दिया गया.

उधर, कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक के बाद कार्मिक राज्य मंत्री वी नारायणसामी और तिवारी को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया. कार्मिक मंत्रालय के तहत सीबीआई काम करती है. माना जा रहा है कि कोर ग्रुप की बैठक में बंसल ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए दावा किया कि उनके भांजे विजय सिंगला के साथ उनका कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है.

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