नयी दिल्ली : अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते वक्त वास्तविक मतदाताओं को किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचने देने के लिए चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) को फोटो पहचान पत्र में मामूली खामियों को नजर अंदाज करने को कहा है.
चुनाव आयोग ने दिल्ली के सीईओ को दो अलग निर्देश जारी कर यह भी कहा है कि पिछले चुनावों में जिन मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत अधिक रहा था वहां अधिक चुनावकर्मी होने चाहिए, ताकि मतदान की प्रक्रिया सुगमता से हो सके. आयोग ने चुनाव अधिकारियों और सेक्टर अधिकारियों से यह भी कहा है कि जिन मतदान केंद्रों में वोट की गति धीमी हो वहां मतदान का समय समय पर मूल्यांकन किया जाए और इसमें गति लाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए जाएं.
आयोग ने कहा कि जिन मतदाताओं के पास किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र का मतदाता पहचान पत्र होगा, उसे उस मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए पहचान का वैध प्रमाण माना जाएगा जहां की मतदाता सूची में उसका नाम होगा. चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता फोटो पहचान पत्र पर उसका निर्देश पश्चिम बंगाल में लोकसभा उपचुनाव और अरुणाचल प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र तथा आंध्र प्रदेश में 13 फरवरी को होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भी लागू होगा.
आयोग ने कहा है कि मतदान निर्धारित समय शाम छह बजे समाप्त हो जाना चाहिए, चाहे क्यों ना यह किसी कारणवश सुबह सात बजे के बाद शुरू हुआ हो. लेकिन कतार में लगे लोगों को शाम छह बजे के बाद भी मतदान की इजाजत होगी.