।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊः आने वाले दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के चाचा ओपी बढ़ेरा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. राज्य के आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्लू ) ने ओपी बढ़ेरा को मुरादाबाद में गरीबों के लिए सरकारी मदद से बनाए गए विवेकानंद अस्पताल को नियमों की अनदेखी कर फोर्टिज अस्पताल को सौंपने का दोषी माना है. इस आधार पर ईओडब्लू के डीआईजी ने शासन को भेजी गई रिपोर्ट में ओपी बढ़ेरा सहित 26 लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 406 के तहत अभियोग पंजीकृत कर विस्तृत विवेचना किए जाने की संस्तुति की है.
देश के सबसे पुराने सियासी खानदान से जुड़े रॉबर्ट वाड्रा के चाचा ओपी बढ़ेरा के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करने संबंधी संस्तुति ईओडब्लू के अफसरों ने कई माह की गहन जांच के बाद की है. ईओडब्लू के अफसरों के अनुसार अगस्त 2011 में शासन द्वारा मुरादाबाद में बने विवेकानंद अस्पताल को फोर्टिज अस्पताल के मैनेजमेंट को सौपे जाने में बरती गई अनियमितताओं की जांच करने का आदेश दिया गया था. जिसके आधार पर ईओडब्लू के मेरठ सेक्टर ने इस मामले की जांच की.
ईओडब्लू में मेरठ सेक्टर के पुलिस उपाधीक्षक कल्यान सिंह की देखरेख में पूरी हुई जांच में पाया गया कि गरीबों का मुफ्त इलाज करने के लिए लोगों के चंदे तथा सरकार की मदद से विवेकानंद अस्पताल की स्थापना की गई थी. इसके संचालन के लिए मुरादाबाद चैरिटेबिल ट्रस्ट एंड रिसर्च सेंटर नाम से एक ट्रस्ट बनाया गया. इस ट्रस्ट में अस्पताल की बिल्डिंग बनाने के लिए सांसद बीपी सिंघल और विधान परिषद सदस्य डा. रमाशंकर कौशिक ने 27.50 लाख रुपये अपनी सांसद एवं विधायक निधि से दिए. इसके अलावा शहर के लोगों से दान के रूप में 1.22 करोड़ रुपये ट्रस्ट को प्राप्त हुए. सरकार ने भी पांच एकड़ भूमि ट्रस्ट को मुहैया कराई, जिस पर ट्रस्ट ने नर्सिंग स्कूल और अस्पताल के लिए अन्य भवन बनवाए.
कल्यान सिंह की रिपोर्ट के अनुसार 26 नवंबर 2010 को विवेकानंद अस्पताल को फोर्टिज अस्पताल के मैनेजमेंट को सौंपने का समझौता मुरादाबाद चैरिटेबिल ट्रस्ट एंड रिसर्च सेंटर के ट्रस्टी अध्यक्ष ओपी बढ़ेरा ने किया. यह निर्णय लेते हुई कई नियमों की अनदेखी की गई. जिसके बारे में पूछताछ करने पर ट्रस्ट के अध्यक्ष ओपी बढ़ेरा, केएल कत्याल, केवल किशन खोसला, कमल चन्द्रा, विनोद खन्ना, मनु तलवार और मुकुल मनचन्दा ने पुलिस उपाधीक्षक कल्यान सिंह को बताया कि विवेकानंद अस्पताल बंद होने की कगार पर था. कोई डाक्टर काम करने को तैयार नहीं थे, इसलिए मुरादाबाद चैरिटेबिल ट्रस्ट के बोर्ड आफ डायरेक्टर ने आर्थिक हानि के कारण विषम परिस्थितियों में अस्पताल को चलाने के लिए उसे फोर्टिज अस्पताल के मैनेजमेंट को सौपने की कार्रवाई की. जिसका ट्रस्टी राघव गुप्ता, अजय गुप्ता और देवप्रकाश मनचंदा ने विरोध किया. जिसकी अनदेखी कर यह अस्पताल फोर्टिज को चलाने के लिए दिया गया. जांच के इन तथ्यों के आधार पर ईओडब्लू के अफसरों ने माना कि मुरादाबाद चैरिटेबिल ट्रस्ट, जिसके अध्यक्ष ओपी बढे़रा है के द्वारा सरकारी धन की सहायता से चलाए जाने वाले विवेकानंद अस्पताल को व्यापारिक कार्यों के लिए दिया जाना वैधानिक नहीं है. इसलिए मुरादाबाद चैरिटेबिल ट्रस्ट हेल्थ रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष ओपी बढ़ेरा सहित 18 ट्रस्टगणों और फोर्टिज हेल्थकेयर लिमिटेड के आठ पदाधिकारियों के खिलाफ भादवि की धारा 406 के अतंर्गत अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू की जाए. जांच अधिकारी की इस संस्तुति पर अब गृह विभाग को निर्णय लेना है. गृह विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि अब इस प्रकरण पर जल्दी ही निर्णय लिया जायेगा, पर वह यह नहीं बताते कि इसमें कितना समय लगेगा. परन्तु इतना तय है कि प्रदेश सरकार कांग्रेस को घेरने के लिए रॉबर्ट वाड्रा के चाचा के साथ कोई रियायत नहीं करेगी और ईओडब्लू की इस रिपोर्ट का शिकंजा ओपी बढ़ेरा पर कसे रहेगी.