नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने विवादास्पद मुल्लापेरियार बांध पर तमिलनाडु और केरल के बीच चल रही कानूनी लड़ाई पर आज अंतिम सुनवाई शुरु की.
न्यायमूर्ति आर एम लोढा, न्यायमूर्ति एच एल दत्तू, न्यायमूर्ति सी के प्रसाद, न्यायमूर्ति बी लोकुर और न्यायमूर्ति एम वाई इकबाल की पीठ रोजना आधार पर मामले की सुनवाई करेगी. तमिलनाडु ने दलीलें रखनी शुरु की है.
दोनों राज्यों के बीच इस बांध की सुरक्षा को लेकर तनाव है. तमिलनाडु का कहना है कि बांध सुरक्षित है और उसका जलस्तर 132 फुट से बढ़ाकर 136 फुट किया जाना है. उधर, केरल की नजर में यह ढांचा कमजोर हे और उसके स्थान पर दूसरा बांध बनाया जाना जरुरी है.
दिसंबर, 2011 में दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ाने पर शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार समिति का दो सदस्यीय दल बांध स्थल पर गया था और इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि इस क्षेत्र में आने वाले भूकंप का बांध पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि यह सुरक्षित है.
संविधान पीठ तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही है. तमिलनाडु सरकार ने मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर 136 पर सीमित करने के लिए 2006 में केरल द्वारा बनाए गए कानून पर सवाल पर खड़ा किया है. उसका कहना है कि उच्चतम न्यायालय ने उसे :तमिलनाडु: जलस्तर 142 करने की अनुमति दे दी थी उसके बाद भी केरल ने ऐसा किया.