वहीं, प्राइमरी स्कूल शिक्षक बनने की चाह रखने वाले 12वीं कक्षा के बाद शिक्षण पाठ्यक्रम में दो वर्षीय डिप्लोमा कर सकते हैं. खुला (ओपेन) और दूर शिक्षा के तहत होने वाली एमएड की पढ़ाई समाप्त कर दी गयी है.
उन्होंने बताया कि योग, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, लैंगिक एवं विशेष जरुरतों वाले बच्चों से जुड़े विषय सभी शिक्षक शिक्षण कार्यक्रम में शामिल किये गये हैं. सचिव ने बताया कि संशोधित बीएड कार्यक्रम में कम से कम 20 हफ्ते का क्लास रूम शिक्षण अनुभव लेना होगा ताकि बेहतर योग्य शिक्षक तैयार हो सकें. तीन साल का बीएड और एमएड समन्वित पाठ्यक्रम पहले की तरह जारी रहेगा.