लेह: सुरक्षा एजेंसियों ने तीन चीनी घुसपैठों पर इस आधार पर अभियोजन की सिफारिश गृह मंत्रालय से की है कि उन्हें लद्दाख के उंचे क्षेत्रों में गश्त के दौरान सैनिकों द्वारा अपनाये जाने वाले रास्तों और भारतीय रक्षा चौकियों के बारे में पहले से जानकारी थी.
सूत्रों ने यहां कहा कि जांचकर्ताओं ने तीनों से विस्तार से पूछताछ की और भारत में घुसने के लिए उनके द्वारा अपनाये गये रास्तों को लेकर उनके बयानों में विरोधाभास थे.सलामाओ, अब्दुल खालिक और आदिल थोरसांग को 12 जून को उत्तर लद्दाख में सुल्तानचकू के पास से पकड़ा गया था और इलाके की मरगो चौकी पर अलग अलग रखा गया.
सूत्रों ने बताया कि उनसे पूछताछ के बाद अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे कि वे भारत में प्रवेश करने के रास्ते को लेकर झूठ बोल रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के जांचकर्ताओं के अनुसार तीनों को चीन–भारत सीमा पर उंचे क्षेत्रों में गश्त के दौरान जवानों द्वारा अपनाये जाने वाले रास्तों और भारतीय चौकियों की पूर्व जानकारी थी और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार के चीनी शिविरों के बारे में उन्होंने जो अनभिज्ञता जाहिर की है, झूठी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय से तीनों पर अभियोजन की सिफारिश करते हुए पूछताछ रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों जियानजांग प्रांत के कारगालिलिक के बारे में कोई बुनियादी जानकारी नहीं दे सके जिसमें उन्होंने रहने का दावा किया. तीनों केवल यारकंदी और यघयुर भाषा में ही बोलते हैं.
सूत्रों ने कहा कि तीनों से जब्त किये गये छोटे राजनीतिक नक्शों को स्थानीय स्कूली पुस्तकों से फाड़ा गया था. एजेंसियों ने आशंका जताई कि तीनों पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की ओर बढ़ सकते थे जो उस इलाके के उत्तर में महज 20 किलोमीटर दूर है जहां से उन्हें पकड़ा गया था.
जिस क्षेत्र में तीनों को हिरासत में लिया गया वह इसलिए भी खबरों में था क्योंकि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच इस साल 15 अप्रैल से 5 मई तक करीब 21 दिन तक टकराव की स्थिति बनी थी. सूत्रों ने कहा कि बॉलीवुड अभिनेता शाहरख खान और रितिक रोशन से आकर्षित होकर भारत आने के उनके दावे को उनकी गुमराह करने की चाल के तौर पर देखा जा रहा है. तीनों ने यह भी कहा था कि वे पैसा कमाने के लिए भारत आना चाहते थे क्योंकि अपने इलाके में वे गरीबी से जूझ रहे थे.
सूत्रों ने बताया कि तीनों के मुताबिक वे भारत इसलिए भी आना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता है कि यह समृद्ध देश है. हालांकि तीनों ने अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में अलग–अलग बयान दिये. मरगो चौकी पर जाने वाले ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन दोनों ही सड़क मार्ग इस साल लद्दाख में खराब मौसम के कारण टूट गये थे और अधिकारियों ने जांचकर्ताओं को एक दुभाषिये के साथ हवाई मार्ग से मरगो चौकी भेजा.
तीनों के पास तलवारें और चाकू, अंडे का पाउडर समेत डिब्बा बंद खाना, करीब 900 युआन की चीनी मुद्रा और चीनी लैदर जैकेट मिले. तीनों ने दावा किया कि ये जैकेट चीन के सैनिकों ने फेंक दी थी और उन्होंने रास्ते से उठाई.
एलएसी पर तय प्रक्रिया के अनुसार इलाके में पकड़े गये किसी आरोपी की हिरासत भारत–तिब्बत सीमा पुलिस के पास होती है और उससे पूछताछ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां कर सकती हैं.