नयी दिल्ली: ‘पाकिस्तानी नौका’ के खिलाफ अभियान को लेकर उठ रहे सवालों के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने आज कहा कि ‘परिस्थितिजन्य साक्ष्यों’ से पता चलता है कि नौका पर सवार लोग ‘संदिग्ध या संभावित आतंकी’ थे और वे पाकिस्तानी नौवहन अधिकारियों और सेना के संपर्क में थे.
रक्षा मंत्री ने नौका पर सवार चार लोगों के तस्कर होने की बातों को खारिज कर दिया.नौका भारतीय तटरक्षक बल के एक अभियान के दौरान 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात को ‘विस्फोट’ के बाद अरब सागर में डूब गयी थी.पार्रिकर ने कहा कि नौका पर सवार लोगों द्वारा उसमें आग लगाकर आत्महत्या करने वाली कार्रवाई से पता चलता है कि वे ‘प्रतिबद्ध’ थे और इससे उनके संदिग्ध आतंकी होने का भी संकेत मिलता है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह नौका पर सवार लोगों को ‘संदिग्ध या संभावित आतंकी’ के मानते हैं क्योंकि उन्होंने घेरे जाने पर आत्महत्या कर ली थी.पार्रिकर ने कहा कि वे पाकिस्तानी नौवहन अधिकारियों, ‘सेना एवं अंतरराष्ट्रीय संपर्कों’ के संपर्क में थे.इस आकलन की सच्चाई के बारे में सवाल पूछे जाने पर पार्रिकर ने कहा, ‘‘..परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से जो मैं कह रहा हूं उसका पता चलता है.’’
गौरतलब है कि नौका घटना के बाद 2008 के मुंबई हमले की तरह के आतंकी अभियान को नाकाम करने का दावा किया जा रहा है जिसकी सच्चाई पर उठ रहे दावों के बीच पार्रिकर ने ये टिप्पणियां हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि नौका तस्करी में लिप्त थी.रक्षा मंत्री ने कहा कि नौका न तो मछली पकडने के क्षेत्र में थी और न ही ऐसे व्यस्त मार्ग पर थी जिसे तस्कर पसंद करते हैं और उनके कार्यों से ऐसा संकेत मिलता है कि वे ‘‘किसी अन्य तरह की गतिविधि के लिए थे। हम निश्चित नहीं हैं कि वह अन्य तरह की गतिविधि क्या है.’’
उन्होंने कहा कि सैटेलाइट पर पकडे गए संवाद से यह बात स्पष्ट हुई है कि वे माल की सुपुर्दगी और नौका पर सवार कुछ लोगों के परिवार के बारे में बात कर रहे थे.रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘तस्कर पाकिस्तानी नौवहन एजेंसी या उनकी सेना या अंतरराष्ट्रीय संपर्कों के साथ संपर्क में नहीं होते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक सामान्य नौका पर अगर मादक पदार्थ होता है, तो उसपर सवार लोग, उसे फेंककर आत्मसमर्पण कर देते हैं. अगर आप प्रतिबद्ध नहीं हैं तो कोई भी अपने आप को मारता नहीं है.’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने जो कहा नौका पर सवार लोगों के कार्य उसकी पुष्टि करते हैं.
पार्रिकर ने कहा कि मैं यह अटकल नहीं लगा रहा कि नौका में विस्फोटक थे लेकिन उसके दिमाग में कुछ ऐसी गतिविधि थी जो तस्करों के नाव की परिभाषा में उपयुक्त नहीं बैठती.उन्होंने कहा, ‘‘कौन सा तस्कर आत्महत्या करेगा? मैं इतना ही कहना चाहता हूं.’’
कांग्रेस ने सरकार से इस मामले में पूरी स्थिति साफ करने की मांग की है जबकि सत्तारुढ भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह ऐसा कहकर ‘पाकिस्तान को बोलने का मौका दे रही है’ और आतंक के मुद्दे पर ‘क्षुद्र राजनीति’ कर रही है.पार्रिकर ने कहा, ‘‘कुछ अटकलें हैं लेकिन मैं अटकलों का हिस्सा नहीं बनना चाहता और बस इतना कहना चाहता हूं कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नौका मछली पकडने के सामान्य मार्ग पर नहीं थी.’’ पार्रिकर ने कहा कि उस क्षेत्र में कोई अन्य नौका नहीं थी और इसलिए वह मछली पकडने का क्षेत्र नहीं था.
उन्होंने कहा कि तस्कर सामान्य तौर पर सोने, मादक पदार्थों एवं अन्य प्रतिबंधित सामान की तस्करी व्यस्त मार्गों से करते हैं क्योंकि यहां अन्य नौकाओं के बीच छिपना आसान होता है.रक्षा मंत्री ने कहा कि उक्त नौका निर्जन इलाके में थी और उसे निगरानी विमान ने देखा. उन्होंने कहा, ‘‘इससे तस्करी की गतिविधि का कोई संकेत नहीं मिलता बल्कि किसी दूसरी तरह की गतिविधि का पता चलता है. वह दूसरी तरह की गतिविधि क्या है हम उसे लेकर निश्चित नहीं हैं.’’ रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि नौका पर सवार लोग उसके निचले हिस्से में चले गए और नौका में आग लगा दी जिसकी वजह से वह डूब गई.
रक्षा मंत्री ने तटरक्षक बल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने सही समय पर सही काम किया.
पार्रिकर ने कहा, ‘‘उन्होंने करीब 12-14 घंटे तक नौका की निगरानी की, जितनी जल्दी संभव हुआ उसे घेरा और पीछा करने के बाद उसे रोका.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस समय अंधेरा था और नौका विस्फोटकों से लदी थी जो कम से कम आंशिक रुप से सही प्रतीत होता है. इससे तटरक्षक बल के लोग चोटिल हो सकते थे और तटरक्षक बल को नुकसान पहुंच सकता था. ’’ दूसरी नौका के बारे में पूछे जाने पर पार्रिकर ने कहा कि वह पाकिस्तान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में थी.
पार्रिकर ने कहा कि खुफिया जानकारियां नौका की सटीक स्थिति के बारे में बहुत स्पष्ट थीं.इस बीच संघर्षविराम के उल्लंघन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ‘अवांछित तत्वों’ को गोलीबारी की आड में सीमापार कराने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि आतंकवाद उसके क्षेत्र में न तो पनपे और न ही घुसपैठ करे.