नयी दिल्ली : पाकिस्तान के आतंकी बोट मामले में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि यह पूरा मामला संदिग्ध आतंकी कार्रवाई लगता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में वे अटकलों पर कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन अगर बोट पर सवार लोग तस्कर थे, तो वे बोट को उड़ाते क्यों. रक्षामंत्री ने कहा कि तस्कर या मछुआरे ऐसा नहीं करते.
उन्होंने कहा कि उनकी पूरी जानकारी भारतीय खुफिया एजेंसियों की सूचना पर आधारित है. रक्षामंत्री ने कहा कि तस्कर पाकिस्तान की एजेंसियों के संपर्क में नहीं होते. उन्होंने कहा कि बोट का रूट सामान्य समुद्री मार्ग नहीं था. उन्होंने कहा कि उस रूट से मुछआरे नहीं आते. उन्होंने यह भी कि तस्कर सामान्यत: व्यस्त समुद्री मार्ग को अपनाते हैं.
इधर, पाकिस्तानी से भारतीय समुद्री सीमा में घुसे नाव को लेकर देश में अब भी बयानों और परस्पर विरोधाभाषी मीडिया रिपोर्टो का दौर जारी है. इस मुद्दे पर मचे हंगामे के बीच भारतीय तटरक्षक बल सोमवार को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
इस रिपोर्ट को सौंपे जाने के बाद इस मामले में नये खुलासे होने की संभावना है. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह कह भी चुके हैं कि भविष्य में इस मामले में और जानकारी मिलने पर उसे साझा किया जायेगा. तटरक्षक बल की रिपोर्ट में अभियान की वीडियो रिकार्डिग व घटनास्थल से मिले साक्ष्य का ब्योरा शामिल होगा. उधर, इस अभियान को पूरा करने के बाद भारतीय तटरक्षक बल का पोत आइसीडीजीएस राजरतन पोरबंदर लौट चुका है.
अंगरेजी अखबार इकॉनोमिक टाइम्स ने अपनी एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में कहा है कि एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने इस आतंकी मामला बताते हुए कहा है कि एनजीआरओ के इंटरेसप्ट से पता चला है कि बोट पर सवार चार लोगों के पास स्नाइपर राइफल और विस्फोटक थे. शनल टेक्लिकन रिसर्च आरगेनाजेशन (एनटीआरओ) के इंटरसेप्ट के अनुसार, इस बोट को उसी रूट पर लाया जा रहा था, जिसके जरिए कसाब और 26/11 के आत्मघाती आतंकी देश में घुसे थे.
एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से इकोनामिक्स टाइम्स ने लिखा है कि, यह लश्कर-ए-तयबा का काम मालूम पड़ता है. वे संभवत: पोरबंदर में नेवल बेस के उद्घाटन के दौरान किसी अहम शख्स को निशाना बनाना चाहते थे या प्रवासी भारतीय दिवस पर कुछ करना चाहते थे. मालूम हो कि नेवल वेस का उदघाटन 12 जनवरी को प्रस्तावित है और पहले उसमें स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाने वाले थे. वहीं, सात जनवरी से प्रवासी भारतीय दिवस शुरू होने वाला है.
इधर, इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर में लिखा है कि वह बोट पाकिस्तान के बलूचिस्तान के ड्रग माफिया मीर याकूब का था. वह 2009 से भगोड़ा घोषित है. इस बोट का नाम कलंदर था. पाकिस्तान में की जा रही जांच के हवाले से अखबार ने लिखा है कि उस नाव को करांची के पास पाकिस्तानी पोत पीएनएस बाबर ने ट्रेस किया था, लेकिन तबतक वह उसके दायरे से बाहर हो गया. इस बोट के कप्तान को नाम याकबूल बलूच था. अखबार ने उसकी मां आयशा बीवी के उस बयान को छापा है, जिसमें उसके जिंदा या मारे जाने की अबतक उन्हें खबर नहीं है.