नयी दिल्लीः संसद में चल रहे मौजूदा सत्र में यदि बीमा विधेयक पारित नहीं हो पाता है तो सरकार इसे पारित करवाने के लिए अध्यादेश लाएगी. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस बात पर सेलेक्ट कमिटी भी सहमत हो गयी है.
सरकार ने कहा है कि अब मौजूदा सत्र केवल 3-4 दिन बचा हुआ है, 23 दिसंबर को इस सत्र का समापन हो जाएगा और मौजूदा स्थिति में संसद में हो रहे हो हंगामे को देखते हुए यदि इस बिल को पारित कराना संभव नहीं हुआ तो हम अध्यादेश लाएंगे.
इसको देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि सरकार बीमा विधेयक को लेकर कृत संकल्प है. सरकार ने साफ कहा है कि कोई भी बाधा हो बीमा विधेयक को पारित किया जाएगा.
जानकारों के मुताबिक मोदी सरकार के छह महीने के कार्यकाल में कोई ऐसी बडी उपलब्धि नहीं है जिसे वह दुनिया के सामने पेश कर सके. जीएसटी औरबीमाबिल को पारित कर सरकार यह दिखाना चाहती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था देशी के साथ-साथ विदेशी पूंजी निवेश के लिए भी तैयार है.
26 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आ रहें हैं. ऐसे में सरकार चाह रही है कि जब ओबामा भारत आयें तो बीमा बिल के रुप में एक बडी उपलब्धि वे अमेरिका को दिखा सके कि वह अब विदेशी पूंजी निवेश के लिए इच्छुक है और विदेशी अर्थव्यवस्था के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलने को तैयार है.