बैंगलूर: कर्नाटक वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ ने आज कहा कि केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से खाद्य महंगाई बढ़ेगी. उद्योग महासंघ के अध्यक्ष पी. शिवकुमार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सस्ता अनाज मिलने से गरीब लोगों में मेहनत के प्रति उदासीनता बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम में सरकार का खर्च काफी बढ़ेगा जिसकी पूर्ति जनता द्वारा दिये जाने वाले कर से की जायेगी.
महासंघ की जारी विज्ञपित में कहा गया है कि सरकारी खर्च कार्यक्रम में व्यापक विस्तार के बाद आर्थिक वृद्धि को फिर से तेज करने और विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने पर ध्यान देना समय की आवश्यकता हो गई है.
शिवकुमार का कहना है कि ‘‘बेहतर रोजगार अवसरों की कमी और दूसरी तरफ निशुल्क वितरण योजनाओं का सहारा मिलने से गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन (बीपीएल) करने वाले परिवारों के लोग कमजोर आय वाले स्वरोजगारों की और प्रेरित होंगे. यह एक तरह से बेरोजगारी को बढ़ावा देना ही है क्योंकि उन्हें इन कार्यक्रमों के तहत खाद्यान्न उपलब्ध हो जायेगा.
विकासशील अर्थव्यवस्था में आज कौशल विकास समय की आवश्यकता है.’’उन्होंने कहा कि देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को भी मजबूत और बेहतर बनाने की आवश्यकता है. इसमें बेहतर भंडारण और वितरण सुविधायें विकसित की जानी चाहिये.