अयोध्या: आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने उत्तर प्रदेश में पार्टी का मनोबल बढ़ाने के मकसद से एक बार फिर से राम मंदिर मुद्दा उठाया है. पूर्व में इस राज्य में अच्छे प्रदर्शन ने पार्टी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचाने में मदद की थी.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रभारी महासचिव बनाए जाने के बाद आयोध्या की अपनी पहली यात्रा में यहां अस्थायी राम मंदिर के दर्शन किए.
शाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं राम मंदिर के दर्शन के लिए यहां आया हूं, जो दुनिया भर के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. यहां मैंने देश को कांग्रेस से छुटकारा दिलाने और देश में सुशासन स्थापित करने की प्रार्थना की.’’ राम मंदिर मुद्दा पहले भी पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने में मदद करता रहा है और आगामी आम चुनाव से पहले शाह की यह यात्रा इस मुद्दे को फिर से ज्वलंत करने की कोशिश प्रतीत होती है.
शाह ने कहा, ‘‘मैंने यहां जल्द से जल्द एक भव्य राम मंदिर बनाने और भगवान राम को उनकी सही जगह पर स्थापित करने की भी प्रार्थना की.’’ सूत्रों ने बताया कि भाजपा चुनाव अभियान के प्रमुख मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में अपना पुराना जनाधार फिर से हासिल करना चाहती है, जो कि केंद्र में सरकार बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. राज्य में 80 लोकसभा सीटें हैं और भाजपा की नजर यहां 40 सीटों पर टिकी है, जहां आम चुनाव में पार्टी कड़ी टक्कर दे सकती है.
हालांकि इस दौरान अमित शाह इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई के आरोप पत्र से जुड़े सवालों से बचते नजर आएं. ऐसी खबरें हैं कि इस मामले में दायर किए जाने वाले पूरक आरोपपत्र में मुठभेड़ के समय गुजरात के गृह मंत्री रहे अमित शाह का भी नाम हो सकता है.
शाह के बयान पर कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया – अयोध्या में ‘भव्य राम मंदिर’ बनाने सम्बन्धी भाजपा महासचिव तथा पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अमित शाह के बयान पर कांग्रेस ने आज कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इसे उच्चतम न्यायालय की अवमानना करार दिया.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने यहां एक बयान में कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराने का इरादा जाहिर किया है. राम मंदिर का मामला इस वक्त उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है. ऐसे में शाह का यह बयान अदालत की अवमानना है.
उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आने पर ही भाजपा को राम और उनका मंदिर याद आता है. केंद्र में छह साल तक सत्ता में रहने के दौरान उसे राम याद नहीं आये लेकिन लोकसभा चुनाव की आहट होने से उसे उनकी याद फिर आने लगी है.
हैदर ने कहा कि दरअसल, यह पार्टी चुनाव से पहले वोटों के ध्रुवीकरण के लिये साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले मुद्दों को हवा देती है. लेकिन जनता अब होशियार हो चुकी है और वह आगामी लोकसभा चुनाव में इसका करारा जवाब देगी.