नयी दिल्ली: इशरत जहां मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने आज कहा कि कथित फर्जी मुठभेड को अंजाम देने के दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.
अहमदाबाद की अदालत में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कल कहा था कि 19 वर्षीय इशरत जहां 2004 में एक फर्जी मुठभेड में मारी गयी. सीबीआई ने मामले में सात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किये हैं. उसका कहना है कि यह गुजरात पुलिस और सहायक खुफिया ब्यूरो की संयुक्त कार्रवाई थी.
शिन्दे से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि तथ्य तो तथ्य हैं. दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए. गृह मंत्री का बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि गृह मंत्रालय के अधिकारी कहते आये हैं कि कथित फर्जी मुठभेड मामले में खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक राजेन्दर कुमार और तीन अन्य के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं.
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कुमार के खिलाफ मुकदमा करने के लिए गृह मंत्रालय संभवत: सीबीआई को अनुमति नहीं दें हालांकि सीबीआई ने मंत्रालय से ऐसी कोई मंजूरी नहीं मांगी है. उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ही आईपीएस अधिकारियों का कैडर नियंत्रण करता है.