नयी दिल्ली: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अनिल कुमार सिन्हा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का नया निदेशक नियुक्त किया गया. वह रंजीत सिन्हा का स्थान लेंगे. रंजीत सिन्हा को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले की जांच में उच्चतम न्यायालय द्वारा जांच से दूर रहने का निर्देश दिए जाने के बाद वह विवादों के बीच सेवानिवृत्त हुए हैं. बिहार कैडर के 1979 बैच के अधिकारी अनिल कुमार सिन्हा सीबीआई में विशेष निदेशक थे.
रंजीत सिन्हा के ही कार्यकाल में सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआइ को पिंजरे में बंद तोते की उपाधि दी थी. इसके अलावा कई अन्य कारणों से भी सीबीआइ व इसके तत्कालीन प्रमुख रंजीत सिन्हा विवादों में रहे. ऐसे में अनिल कुमार सिन्हा की असली चुनौती सीबीआइ की साख की पुनर्बहाली होगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अनिल कुमार सिन्हा के नाम को मंजूरी दे दी जो आज शाम चयन समिति द्वारा चुने गए उम्मीदवारों की सूची में शामिल थे.एक सरकारी अधिसूचना में बताया गया है कि सिन्हा का कार्यकाल पदभार संभालने की तारीख से दो साल का होगा.इससे पूर्व आज दिन में मोदी ने भारत के प्रधान न्यायाधीश और लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल के नेता से नए सीबीआई प्रमुख के चयन को लेकर विचार विमर्श किया था. समिति ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा चुने गए करीब 40 अधिकारियों के नामों पर विचार किया। सूत्रों ने यह जानकारी दी.
रंजीत सिन्हा सीबीआई निदेशक के तौर पर अपने दो साल के उथल पुथल भरे कार्यकाल के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए. उनका यह कार्यकाल विवादास्पद मोड पर जाकर खत्म हुआ.सिन्हा के कार्यकाल में रिश्वतखोरी के कई बडे मामलों का भंडाफोड किया गया जिनमें रेलवे बोर्ड के सदस्य , एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैेंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक तथा सेंसर बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समेत कई अन्य मामले शामिल थे.