नयी दिल्ली: भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को झटका देते हुए एक अदालत ने आज यहां दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि शिकायत के मामले में गुप्ता के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नमृता अग्रवाल ने कहा कि गुप्ता के खिलाफ मानहानि का मामला पहली नजर में बनता है और उनके खिलाफ औपचारिक रुप से आरोप तय करने के लिए 27 जुलाई की तारीख तय की जाती है.
अदालत ने कहा कि आरोपी (गुप्ता) के वकील की यह कहना कि चूंकि संबंधित अखबारों के संपादक, प्रकाशक या संवाददाता से पूछताछ नहीं की गई इसलिए उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है, जल्दबाजी है.
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता को समन मामले में आरोप तय होने के बाद मामले को संदेह से परे साबित करने की स्वतंत्रता है. इस मामले में, आईपीसी की धारा 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत पहली नजर में मामला बनता है. अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 के तहत 27 जुलाई को औपचारिक रुप से आरोप तय होंगे.
मजिस्ट्रेट ने गुप्ता को अगली तारीख पर अदालत में निजी रुप से पेश होने का निर्देश दिया.सुनवाई के दौरान अदालत ने शीला और गुप्ता दोनों को पूरे दिन के लिए निजी रुप से उपस्थित होने से छूट दी. अदालत ने 15 मई को गुप्ता के खिलाफ आरोप पत्र तय करने के सवाल पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था. शीला पिछले साल 30 मई को बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में उपस्थित हुई थीं जिसके बाद गुप्ता को आरोपी के तौर पर समन किया गया था. शीला ने गुप्ता के खिलाफ फौजदारी मानहानि मामला दायर करके आरोप लगाया था कि भाजपा नेता ने पिछले साल एमसीडी चुनावों में उनके खिलाफ ‘असभ्य’ भाषा का प्रयोग किया था.