-रेलवे रिश्वतकांड-
नयी दिल्ली : रेलवे बोर्ड के एक सदस्य के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी नहीं मिलने के कारण केंद्रीय जांच ब्यूरो :सीबीआई: द्वारा रेलवे रिश्वत कांड में तय समय :तीन जुलाई: में आरोप पत्र दायर करना मुश्किल लग रहा है.
इस मामले की वजह से कांग्रेस सांसद पवन कुमार बंसल को रेल मंत्री का पद गंवाना पड़ा था. अगर सीबीआई तीन जुलाई तक आरोप पत्र दायर नहीं कर पाती है तो इस मामले में फंसे 10 आरोपियों को खुदबखुद जमानत मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा क्योंकि गिरफ्तारी 60 दिन के भीतर आरोप पत्र अनिवार्य रुप से दायर करना होता है.
एक कार्यक्रम के इतर यहां संवाददाताओं से बात करते हुए सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने आज कहा, ‘‘हम आरोप पत्र दायर करने का प्रयास कर रहे हैं. हमारी जांच अब भी जारी है.’’ सीबीआई निदेशक इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि एजेंसी आरोपियों की गिरफ्तारी के 60 दिन के भीतर आरोप पत्र दायर कर पाएगी या नहीं.
रेलवे बोर्ड सदस्य :स्टाफ: महेश कुमार से कथित रुप से रिश्वत लेने के आरोप में बंसल के भांजे विजय सिंगला को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद कांग्रेस सांसद को रेल मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था. सिंगला और कुमार को रिश्वत कांड में मुख्य आरोपी बनाया गया है.