नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 19 वर्षीय एक लड़की के बलात्कार और अपहरण के आरोपी युवक को इस आधार पर बरी कर दिया कि दोनों प्यार करते थे और एक दूसरे की सहमति से उन्होंने विवाह किया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश टी आर नवल ने दिल्ली निवासी लोकेश को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष उसके खिलाफ मामला साबित नहीं कर पाया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, लड़की के परिजनों ने 6 सितंबर 2011 को उसके स्कूल से घर न लौटने पर गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी.
परिवार को संदेह था कि घर के समीप रहने वाला लोकेश शायद लड़की को फुसला कर कहीं ले गया होगा.
17 सितंबर 2011 को लोकेश के पिता अपने पुत्र और लड़की को लेकर थाने पहुंचे. वहां लोकेश को अपहरण और बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.
अभियोजन पक्ष का कहना था कि आरोपी ने लड़की का अपहरण कर उसे खुद से विवाह करने के लिए बाध्य किया था. लेकिन लड़की ने इसे नकारते हुए कहा कि वह लोकेश से प्यार करती थी.
उसने अदालत में कहा कि दोनों उत्तर प्रदेश जाने वाली एक बस में चढ़े और विवाह करने के बाद लोकेश के एक संबंधी के घर चले गए.
लड़की ने यह भी बताया कि वह लोग ऋषिकेष गये और एक आश्रम में रुके लेकिन उन्होंने शारीरिक संबंध स्थापित नहीं किए.
सुनवाई के दौरान आरोपी ने खुद पर लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि वह लड़की से प्यार करता है और दोनों ने भागने का फैसला किया था.उसने बताया कि उन्होंने एक अदालत में विवाह कर लिया और अभिभावकों को इसकी सूचना दे दी.