नयी दिल्ली: वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए कमर कसते हुए राहुल गांधी ने आज कांग्रेस नेताओं को गुटबाजी के खिलाफ आगाह किया तथा उनसे कहा कि समन्वय एवं सहयोग ही सफलता की कुंजी है. पार्टी के नव नियुक्त पदाधिकारियों के साथ पहले औपचारिक संवाद में गांधी ने उनसे स्पष्ट शब्दों में कहा कि जवादेही के साथ जिम्मेदारी आती है.
सूत्रों के अनुसार के उन्होंने यह महसूस किया कि निवर्तमान पार्टी ढांचे के कामकाज में किसी चीज की कमी है.इस साल कई विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव निर्धारित होने के बीच राहुल ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति को एकजुट परिवार की तस्वीर पेश करना चाहिए जहां छोटे बड़ों का सम्मान करें और उनके अनुभवों से लाभ उठाएं.
उन्होंने कहा कि महासचिवों को अपने प्रभार वाले राज्यों के लिए एक रुपरेखा तैयार करनी चाहिए तथा सचिवों को जिला एवं ब्लाक स्तरों पर योजना के तहत दौरे करने चाहिए. व्यवस्था के दरवाजे युवाओं के लिए बंद होने की अक्सर बात करने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष ने नेताओं से इसे खोलने के लिए कहा.
एआईसीसी सचिवों की राहुल से पूर्व में हुई मुलाकातों में यह शिकायत की गयी थी कि उन्हें पर्याप्त जिम्मेदारी नहीं दी गयी थी. उन्हें इस बार जिम्मेदारी दी गयी है और उन्हें राज्यों में काफी दौरे करने पड़ेंगे. राहुल ने कहा कि गुटबाजी पार्टी के हितों के लिए घातक है और इसे त्याग दिया जाना चाहिए.कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस अवसर पर एआईसीसी और पार्टी की अन्य शाखाओं में महिलाओं की अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का मुद्दा भी उठाया.
यह बात कांग्रेस महासचिव लुझिनो फलेरियो की टिप्पणी के कारण सामने आयी. पार्टी की पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी फलेरियो ने कहा कि वह ‘‘सेवन सिस्टर्स (पूर्वोत्तर के सात राज्यों)’’ को देख रहे हैं. इस पर राहुल ने कहा, ‘‘लेकिन हमारे पास यहां केवल छह सिस्टर (बहनें) हैं.’’ उन्होंने यह बात अंबिका सोनी और पांच अन्य सचिवों की ओर इशारा करते हुए कही. उन्होंने कहा कि दो-तीन सालों में 50 प्रतिशत पदाधिकारी महिलाएं होंगी.