नई दिल्ली : भारत को मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने वाले डेविड हेडली से दोबारा पूछताछ की इजाजत नहीं दी जाएगी. अमेरिका ने आज इस आशय का संकेत दिया. हेडली इस समय अमेरिका की जेल में है. भारत-अमेरिका सामरिक वार्ता के दौरान अमेरिका ने भारत को यह संकेत दिया. अमेरिका के उप राष्ट्रपति जो बाइडेन इस वार्ता के लिए भारत आए हुए हैं.
दरअसल भारत अमेरिका से लगातार कह रहा है कि वह भारतीय जांचकर्ताओं को हेडली से दोबारा पूछताछ की इजाजत दे ताकि नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए बर्बर हमलों के बारे में उससे और जानकारी हासिल की जा सके.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी वार्ताकारों ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ हुए हेडली के सौदे का जिक्र किया है, जिसके अनुसार अपराधी को यह मौका दिया जाता है कि अगर वह अपना अपराध कुबूल कर ले तो उसे मौत की सजा नहीं दी जाएगी. अधिकारियों ने इसी सौदे का हवाला देते हुए भारतीय जांचकर्ताओं को हेडली से दोबारा पूछताछ करने की इजाजत देने में परेशानी दिखाई है. हेडली ने पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा के लिए मुंबई के उन स्थानों की रेकी की थी, जिसे आतंकी हमले के दौरान निशाना बनाया गया.
हालांकि भारत को हेडली के साथी तहव्वुर हुसैन राणा से पूछताछ की इजाजत मिल सकती है, जिसने अपने बचपन के दोस्त हेडली को मुंबई हमले के ठिकानों की रेकी करने में मदद की.
भारतीय जांचकर्ताओं का विश्वास है कि अगर वह पाकिस्तानी कनाडाई राणा से पूछताछ कर पाए तो बहुत सी जरुरी जानकारी हासिल हो सकती है क्योंकि वह पाकिस्तानी अमेरिकी हेडली का बहुत करीबी रहा है.
जांचकर्ताओं को विश्वास है कि हेडली और राणा के पास मुंबई हमलों के बारे में बहुत सी जानकारी है और उनसे पूछताछ करने पर भारत को भारत पर हुए अब तक के भीषणतम आतंकी हमले और इसे अंजाम देने वालों के बारे में और जानकारी मिल सकती है. भारतीय जांचकर्ताओं ने हेडली से वर्ष 2010 में पूछताछ की थी.
हेडली ने 12 आतंकी आरोपों में अपनी भूमिका स्वीकार की है. इसमें नवंबर 2008 में मुंबई पर हुआ आतंकी हमला भी शामिल है, जिसमें 166 लोगों की जान गई. हालांकि उसने मौत की सजा से बचने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ सौदा किया है.