नयी दिल्ली : मोदी को कुशल प्रशासक और कांग्रेस के लिए चुनौती बताकर ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने अपने लिए मुसीबत मोल ली है. उनके इस बयान से कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गयी है.
कांग्रेस नेता और सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर उन्हें मोदी से इतना डर लगता है, तो वे भाजपा ज्वाइन कर लें. सत्यव्रत चतुर्वेदी ने मोदी को कांग्रेस के लिए चुनौती बताने पर जयराम रमेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें गुजरात जाकर नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी जॉइन कर लेनी चाहिए.
जयराम रमेश के बयान से कई कांग्रेसी नेताओं ने खुद को अलग कर लिया है. कांग्रेस नेता जगदंबिका पाल रमेश के बयान पर कहा कि मोदी कांग्रेस के लिए बिल्कुल चुनौती नहीं हैं. उधर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस मोदी फोबिया से उबर नहीं पाएगी. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस में मोदी के विकास अजेंडा का खौफ है. कांग्रेस को ऐसा लगा रहा है कि मोदी के बारे में रमेश के इस आकलन से बीजेपी को फायदा होगा.
हालांकि, सच तो यह है कि रमेश ने मोदी को बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बताया था. भाजपा में चल रहे घटनाक्रम पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘भस्मासुर’ की संज्ञा दी और कहा कि मोदी ने अपने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भस्म कर दिया. कांग्रेस के रणनीतिकार माने जाने वाले रमेश ने अपने नेता राहुल गांधी की मोदी से तुलना करते हुए कहा कि राहुल जहां देश में एक ढांचा और व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं वहीं मोदी कह रहे हैं कि वह खुद व्यवस्था और ढांचा हैं.
ग्रामीण विकास मंत्री रमेश ने पीटीआई से कहा, ‘‘मोदी भस्मासुर हैं. वह उन लोगों को भस्म कर देंगे जिन्होंने उन्हें बनाया. वह अपने मार्गदर्शक नेता आडवाणी को भस्म कर गये. उन्होंने 2002 के दंगों में उनके साथ साजिश रचने वाले तोगड़िया को भस्म कर दिया. वह और कुछ नहीं बल्कि भस्मासुर हैं.’’ पौराणिक मान्यता के अनुसार भस्मासुर नाम के दैत्य को भगवान शिव ने किसी के भी सिर पर हाथ रखकर उसे भस्म करने की शक्ति प्रदान की थी. पुराणों में कथा है कि भस्मासुर ने शक्ति प्राप्त करते ही भगवान शिव को ही भस्म करने का प्रयास किया था. हालांकि शिव ने उसका अंत कर दिया. रमेश भाजपा में मोदी का कद बढ़ने के बाद आडवाणी के सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश और उसके बाद उनके मान जाने के घटनाक्रम पर सवालों का जवाब दे रहे थे.
राहुल और मोदी के बीच अंतर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के बीच बुनियादी अंतर है. राहुल एक ढांचा और व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं जो व्यक्ति विशेष पर निर्भर नहीं हो. मोदी कह रहे हैं कि मैं व्यवस्था की चिंता नहीं करता, मैं खुद ढांचा हूं, मैं व्यवस्था हूं. मेरे आगे किसी का भी अस्तित्व नहीं है. राहुल ने ऐसा कभी नहीं कहा.’’ हालांकि रमेश ने इस बात से इत्तेफाक नहीं जताया कि 2014 के चुनाव राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी होंगे. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस और संघ (आरएसएस) की लड़ाई होगी. संघ और सरसंघचालक मोहन भागवत पर हमला बोलते हुए रमेश ने कहा कि संघ को अब एक राजनीतिक दल के तौर पर पंजीकरण करा लेना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘उसे सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन होने का दिखावा बंद करना चाहिए. जिस चालाकी से उसने मोदी को अंदर लाकर आडवाणी को बाहर किया और जिस तरीके से मोहन भागवत पूरे देश में यात्रा कर रहे हैं, अनेक लोगों के साथ लामबंदी की कोशिश कर रहे हैं, इसे अब सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन नहीं कहा जा सकता.’’ मोदी को भारत का पहला ‘विश्वसनीय फासीवादी’ करार देते हुए रमेश ने यह भी स्वीकार किया कि आगामी चुनावों में प्रबंधन और विचारधारा, दोनों ही स्तर पर मोदी कांग्रेस के लिए चुनौती साबित होंगे.
इस संदर्भ में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा, ‘‘हम मोदी से क्यों डरें? हां, वह गुजरात में तीन चुनाव जीत गये. नि:संदेह वह कठिनाई पैदा करने वाले प्रचारक हैं. वह हमारे लिए निश्चित रुप से चुनौती पैदा करेंगे. वह न केवल प्रबंधन के स्तर पर चुनौती पेश करेंगे बल्कि विचारधारा के लिहाज से भी चुनौती बनेंगे.’’ रमेश ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने गुजरात में सभी लोकतांत्रिक कायदों को ध्वस्त कर दिया है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘‘हमें वास्तविकता से संतुष्ट रहना होगा. अगर भाजपा खुदकुशी करना चाहती है तो हम उसे क्यों रोकें?’’ कापोरट्र जगत और उद्योगपतियों के एक वर्ग द्वारा मोदी को कुशल प्रशासक कहे जाने के संदर्भ में रमेश ने कहा कि सभी कार्पोरेट जर्मनी के नाजी नेता एडॉल्फ हिटलर और इतालवी फासीवादी शासक बेनिटो मुसोलिनी का भी समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘सभी कार्पोरेट हिटलर और मुसोलिनी का भी समर्थन करते हैं. मध्यम वर्ग भी हिटलर और मुसोलिनी का समर्थन करता है. निश्चित रुप से उन्हें (मोदी को) कार्पोरेट जगत के लोगों का समर्थन मिला है. निश्चित रुप से उन्हें मध्यम वर्ग का समर्थन मिला है. वह भारतीय राजनीति के एक बहुत खतरनाक तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और यह तत्व मैं, मुझमें और मेरा है, इसके अलावा कुछ नहीं.’’