नयी दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर मन की बात के तहत कार्यक्रम में लोगों को विजया दशमी की बधाई दी. उन्होंने कहा कि देश को साफ रखने के लिए हमें काम करने चाहिए. इसके लिए गांधी जयंती के अवसर पर एक अभियान चलाया गया है. आप लोग अपने साथ नौ लोगों को जोड़े.
खादी पहनने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमें कम से कम एक वस्त्र खादी का खरीदना चाहिए. आप एक बार ऐसा करके देखिए. आपको काफी सकून मिलेगा.खादी पहनने से गरीबों के घर दीया जलेगा.उन्होंने पांचवीं क्लास से स्किल डेलपमेंड सिखाने की बात की.
देशवासियों के भीतर आपार शक्ति है. इसको पहचानने की जरुरत है. सवा सौ करोड़ भारतीय अपनी शक्ति को पहचाने और साथ मिलकर काम करें.पीएम ने शेर और भेड़ की कहानी सुनाई और इससे सीख लेने को कहा.
रेडियो के जरिये समय समय पर लोगों से सम्पर्क करने का वादा करते हुए मोदी ने नागरिकों से सुझाव मांगे. साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें काफी संख्या में सुझाव मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह रेडियो पर ‘मन की बात’ में इसका जिक्र करेंगे.
करीब 15 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह सवा सौ करोड लोगों की बात करते हैं तब उनका आशय खुद की शक्ति को पहचानने और मिलकर काम करने से होता है. ‘‘ हम विश्व के अजोड लोग हैं. हम मंगल पर कितने कम खर्च में पहुंचे.
हम अपनी शक्ति को भूल रहे हैं. इसे पहचानने की जरुरत है. ’’लोगों से निराशा त्यागने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मेरा कहना है कि सवा सौ करोड देशवासियों में अपार सामथ्र्य है. इसे पहचानने की जरुरत है. इसकी सही पहचान कर अगर हम चलेंगे, तब हम विजयी होंगे. सवा सौ करोड देशवासियों के सामथ्र्य और शक्ति से हम आगे बढेंगे.’’
उन्होंने कहा कि यदि आप एक कदम आगे चलते हैं तो देश सवा सौ कदम आगे बढ़ेगा. रेडियो के माध्यम से मैं आपसे जुड़ा हुआ रहूंगा. जब भी मौका मिलेगा मैं रविवार को आपके साथ रेडियो से जुडूंगा.गौरतलब है कि ऐसा कार्यक्रम अमेरिका में हो चुका है. राष्ट्रपति रेडियो के माध्यम से जनता से रु-ब-रु हो चुके हैं.
रेडियो के माध्यम से वे आज 11 बजे ‘मन की बात’ के तहत जनता से रु-ब-रु हुए. इसका जिम्मा आल इंडिया रेडियो को दिया गया था लेकिन देश के एफएम चैनल, दूरदर्शन और कम्युनिटी रेडियो को भी निर्देश दिए गए थे कि वह प्रधानमंत्री की इस नई शुरुआत को हर भारतीय तक पहुंचाने में मदद करें. इसका पालन भी हुआ.
इंटरनेट के इस जमाने में नरेंद्र मोदी का रेडियो के द्वारा लोगों से जुड़ना उनकी दूरदर्शिता को दिखलाता है. वे जानते हैं कि वे लोग जो सुदूर गांव में रहते हैं वहां कम्यूनिकेशन का एक मात्र जरिया रेडियो हैं. मोदी देश के हर उस व्यक्ति के साथ संपर्क स्थापित करना चाहते हैं जो गांव-देहात में रहते हैं और देश के प्रति समर्पित हैं.
ट्विटर और फेसबुक जैसे सबसे आधुनिक सोशल मीडिया से वे लगातार जुड़े रहते हैं. मोदी के ट्वीट ,फेसबुक की दुनिया में भी मोदी के चाहने वालों की तादाद लाखों में है. लेकिन लोगों से जुड़ने की और लगातार जुड़े रहने की मोदी की चाह उन्हें अब उस रेडियो पर ले आई है. रेडियो अमीर-गरीब, शहर-गांव की सरहद नहीं देखता.